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Wednesday, 13 November, 2024
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सरकार अहंकार छोड़े और आंदोलनकारी युवाओं से संवाद करे: कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) कांग्रेस ने रेलवे भर्ती बोर्ड-एनटीपीसी परीक्षा के नियमों एवं परिणाम को लेकर विरोध प्रदर्शन करने वाले युवाओं का समर्थन करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि केन्द्र सरकार को अपना ‘अहंकार’ त्यागकर इन छात्रों से संवाद करना चाहिए।

पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण आंदोलन का स्थान है, लेकिन किसी भी हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘पिछले 24 से 48 घंटों में हमने जिस तरह से छात्रों पर लाठियां बरसते हुए, उन्हें खून से लथपथ होते हुए देखा है, इससे ऐसा लगता है कि एक सभ्य समाज, एक लोकतंत्र और युवा पीढ़ी के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है।’’

सुप्रिया ने कहा, ‘‘2019 के लोकसभा चुनाव से पहले आनन-फानन में एक अधिसूचना जारी की गई और रेलवे ने कहा कि ग्रुप-डी के रिक्त पदों को भरा जायेगा। इसके बाद देश के सवा करोड़ युवाओं ने आवेदन किया, शुल्क दिया, लेकिन तीन साल बाद भी आज तक भर्तियां नहीं हो पाई हैं। इससे पता चलता है कि सरकार की मंशा युवाओं को नौकरी देने की ही नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘28 जनवरी को युवाओं ने जिस आंदोलन का आह्वान किया है, उसका हम समर्थन करते हैं। लेकिन महात्मा गांधी के देश में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।’’

सुप्रिया ने कहा, ‘‘सरकार से हम कहना चाहते हैं कि आप आंदोलन करने से किसी को नहीं रोक सकते हैं, संवाद कीजिए, उनका विश्वास जीतिए। अहंकार के लिए कोई जगह नहीं है।’’

देश के विभिन्न हिस्सों से नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा तोड़फोड़ की खबर के बाद रेल मंत्रालय ने बुधवार को गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) और स्तर 2 परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था।

उम्मीदवार दो चरणों में परीक्षा आयोजित करने संबंधी रेलवे के फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि अंतिम चयन के लिए दूसरा चरण उन लोगों को ‘‘धोखा देने’’ के समान है जो कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) के लिए आरआरबी-एनटीपीसी के पहले चरण में उपस्थित हुए और उत्तीर्ण हुए।

लगभग 1.25 करोड़ उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था, जिसमें स्तर दो से स्तर छह तक 35,000 से अधिक पदों का विज्ञापन दिया गया था।

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को कई स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया, जिससे ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई थी। विरोध प्रदर्शन के कारण कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया या वैकल्पिक मार्गों पर चलाया गया।

भाषा हक हक देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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