(हर्षवर्धन प्रकाश)
इंदौर (मध्य प्रदेश), 13 जून (भाषा) कोविड-19 की पहली लहर के प्रकोप के कारण तालाबंदी और अन्य कड़े प्रतिबंधों के गवाह रहे वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार की एक योजना के तहत देश में महज 24.43 करोड़ कंडोम ही बिक सके। बेहद रियायती मूल्य वाले कंडोम की सरकारी बिक्री का यह आंकड़ा इस मद में पिछले पांच सालों के दौरान सबसे कम है।
नीमच के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने उन्हें सूचना का अधिकार कानून के तहत यह जानकारी दी है।
जानकारी के मुताबिक सरकार की सामाजिक विपणन योजना (सोशल मार्केटिंग स्कीम) के तहत देश में कंडोम की बिक्री वित्तीय वर्ष 2017-18 में 48.32 करोड़ इकाइयों, 2018-19 में 45.95 करोड़ इकाइयों, 2019-20 में 50.75 करोड़ इकाइयों, 2020-21 में 24.43 करोड़ इकाइयों और 2021-22 में 43.07 करोड़ इकाइयों के स्तर पर रही।
आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च को खत्म 2021-22 के दौरान इस सरकारी योजना के तहत कंडोम की बिक्री में हालांकि काफी सुधार दर्ज किया गया, लेकिन यह कोविड-19 के प्रकोप से पहले के मुकाम पर नहीं आ सकी जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में महामारी का प्रकोप घटने से जन-जीवन काफी हद तक पटरी पर लौट आया था।
गौरतलब है कि देश में ऊंची प्रजनन दर वाले जिलों, एड्स के अधिक प्रकोप या खतरे वाले इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों के लक्षित समूहों तक बेहद रियायती मूल्य वाले कंडोम को आसानी से पहुंचाने के लिए सामाजिक विपणन योजना चलाई जाती है। इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) और अन्य संगठनों की मदद ली जाती है।
जनसंख्या नियंत्रण विषय के विशेषज्ञ डॉ. ललितमोहन पंत ने कहा कि सरकार वित्तीय वर्ष 2020-21 में परिवार नियोजन को ज्यादा तवज्जो नहीं दे सकी क्योंकि तब उसकी प्राथमिकता कोविड-19 की पहली लहर के प्रकोप से निपटना था।
पंत, पेशे से सर्जन हैं और पिछले 40 सालों के दौरान महिलाओं एवं पुरुषों की कुल 3.90 लाख नसबंदियों के विश्व रिकॉर्ड का दावा करते हैं। उन्होंने कहा,‘‘देश की जनसंख्या स्थिर होने की ओर बढ़ रही है और कई राज्यों में प्रजनन दर गिरी है। इसलिए तुरंत यह कयास लगाना सही नहीं होगा कि सरकारी योजना के तहत कंडोम की बिक्री गिरने से 2020-21 में अनचाहे गर्भ ठहरने के मामलों में बड़ा इजाफा हुआ होगा। विस्तृत अध्ययन के बाद ही इस सिलसिले में किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है।’
नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर के रूप में पदस्थ डॉ. संजय के. राय नाको की ओर से देशभर में एड्स की स्थिति पर नजर रखते हैं।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में कंडोम की सरकारी बिक्री गिरने को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर उन्होंने कहा कि यह साबित करने के लिए फिलहाल कोई आंकड़े नहीं हैं कि इस अवधि के दौरान देश में महामारी की बंदिशों के कारण लक्षित समूहों तक कंडोम की पहुंच घटने से एड्स और दूसरे यौन संचारित रोगों के मामलों में इजाफा हुआ।
भाषा हर्ष
वैभव देवेंद्र
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