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बुधवार, 4 जून, 2025
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संसद के विशेष सत्र से भाग रही सरकार : तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन

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नयी दिल्ली, चार जून (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने बुधवार को आरोप लगाया कि सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर संसद का विशेष सत्र आयोजित करने से भाग रही है जबकि विपक्षी दल इसकी लगातर मांग कर रहे हैं।

उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब सरकार ने घोषणा की है कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने घोषणा की है कि संसद सत्र में ‘‘सभी महत्वपूर्ण मुद्दों’’ पर चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि संसद का हर सत्र ‘‘विशेष सत्र’’ होता है।

ओ ब्रायन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘संसद का सामना करने को लेकर भय – (मोदी) सरकार की गंभीर स्थिति के लिए मेरा शब्द, जिसे संसद का सामना करने को लेकर बेहद भय है। विशेष सत्र से भाग रही है।’’

तृणमूल नेता ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार की यह (संसद का मानसून सत्र बुलाने की) घोषणा विपक्षी दलों द्वारा संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग को लेकर संयुक्त पत्र लिखे जाने के एक दिन बाद आई है।

ओ ब्रायन ने मानसून सत्र की घोषणा का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस ने पिछली घोषणाओं का अध्ययन किया है और आमतौर पर सत्र की घोषणा इसके शुरू होने की तारीख से लगभग 20 दिन पहले की जाती है। इस बार उन्होंने 45 दिन पहले ही इसकी घोषणा कर दी। बहुत डरे हुए हैं!’’

तृणमूल नेता ने सवाल किया, ‘‘यदि वे मानसून सत्र की घोषणा कर सकते हैं, तो जून में विशेष सत्र की घोषणा क्यों नहीं की जा सकती?’’

इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (‘इंडिया’ गठबंधन) के घटक दलों ने मंगलवार को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और उसके जवाब में भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से संबंधित सभी घटनाक्रमों पर चर्चा के लिए एक विशेष सत्र की मांग की थी।

दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।

‘इंडिया’ गठबंधन के 16 घटक विपक्षी दलों के सांसदों ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले पर विशेष सत्र बुलाने की मांग की और कहा कि ‘‘देश के सामने गंभीर प्रश्न हैं।’’

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), शिवसेना (उबाठा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), विदुथलाई चिरुथैगल काची (वीसीके), झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), केरल कांग्रेस, एमडीएमके, भाकपा (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (एमएल) लिबरेशन ने संयुक्त पत्र पर हस्ताक्षर किए। वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा इसी तरह की मांग को लेकर अलग पत्र लिखे जाने की उम्मीद है।

‘इंडिया’ गठबंधन द्वारा संयुक्त रूप से लिखे गए पत्र पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर नहीं किए है। शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने इस मुद्दे पर कहा कि वह राकांपा (एसपी) के नेताओं से बात करेंगे।

भाषा धीरज नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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