लखनऊ, सात फरवरी (भाषा) कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर पिछले महीने प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ में जान गंवाने वाले और लापता हुए लोगों के सही आंकड़े छिपाने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को इसे ‘संवेदनहीनता की पराकाष्ठा’ करार दिया।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने पार्टी मुख्यालय पर संवाददाताओं से कहा, “” पिछले महीने अव्यवस्था के कारण महाकुंभ में मची भगदड़ के कारण सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई। हजारों लोग घायल हो गये और हजारों लोग लापता हो गये। उत्तर प्रदेश सरकार इतनी संवेदनहीन है कि अब तक लापता लोगों और मृतकों की कोई सही सूची जारी नहीं कर पाई।”
उन्होंने कहा, “परिजन अपनों को तलाशते हुए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन योगी सरकार है कि सिर्फ अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए सही आंकड़ों को छिपा रही है। ऐसे कई मृतकों को धार्मिक नियमानुसार अंतिम क्रियाकर्म भी नसीब नहीं हुआ। कुछ लाशों को गंगा में बहा दिया गया, कुछ लाशों को बुलडोजर से उठाया गया, कुछ को विद्युत शवदाह गृह में गुमनाम तरीके से जला दिया गया और कुछ लाशें अभी भी कूड़ों के ढेर में पड़ी हुई हैं। संवेदनहीनता की यही पराकाष्ठा है शायद।”
राय ने दावा किया, “भगदड़ के दौरान गाजीपुर के रहने वाले उपनिरीक्षक अंजनी कुमार राय की मृत्यु हो गयी। अव्यवस्था का चरम यह था कि पुलिस के इस बहादुर सिपाही को भी समय से एम्बुलेंस नहीं मिली। विडम्बना यह है कि सरकार यह मानने को तैयार नहीं कि अंजनी कुमार राय की मृत्यु भगदड़ के कारण हुई है।”
राय ने कहा, “अंजनी कुमार राय के परिजनों से बात करने पर उत्तर प्रदेश सरकार के अमानवीय चेहरे का पता चलता है कि कैसे राय के मृत शरीर को ले जाने के लिए भी एम्बुलेंस 11 घंटे के लम्बे इंतजार के बाद मिली।”
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने दावा किया, “अंजनी राय के घर सरकार का कोई नुमाइन्दा न गया, न उनकी शहादत को स्वीकार किया। जब मैं पांच फरवरी को उनके परिजनों से मिलने उनके घर गया तब अगले दिन छह फरवरी को गाजीपुर के पुलिस कप्तान अंजनी कुमार राय के आवास पर पहुंचे। योगी सरकार का यह लचर, अव्यवस्थित और नाकारा प्रशासन सिर्फ अपने निकम्मेपन को छिपाने के लिए सारे जतन कर रहा है।”
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर देर रात भगदड़ मच गयी थी।
राज्य सरकार के मुताबिक, इस घटना में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई है, जबकि 60 अन्य लोग जख्मी हुए थे।
भाषा सलीम जितेंद्र
जितेंद्र
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