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शनिवार, 14 जून, 2025
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सरकार ने साहसिक पर्यटन मानचित्रावली तैयार की, सुरक्षा के लिए कानून बन रहा: अधिकारी

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(उज़्मी अतहर)

सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल), दो अप्रैल (भाषा) सरकार ने देश में जल, थल और वायु आधारित साहसिक पर्यटन गतिविधियों से संबंधित स्थानों की एक मानचित्रावली (एटलस) तैयार की है। सरकार साहसिक पर्यटन सुरक्षा को लेकर एक कानून भी बना रही है, जिसके तहत राज्यों में सुरक्षा निकायों का गठन किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने यह भी बताया कि प्रस्तावित कानून के उल्लंघन के लिए सजा के भी प्रावधान होंगे तथा एक बीमा योजना भी होगी।

पर्यटन मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि ‘साहसिक पर्यटन (निगरानी और विनियमन) विधेयक’ के प्रस्तावित मसौदे को राज्यों को भेजा गया है तथा पंजाब, उत्तराखंड और त्रिपुरा सहित छह राज्यों ने अभी तक अपना फीडबैक भेज दिया है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘पर्यटन राज्य का विषय है, लेकिन इस विधेयक के जरिये केंद्र सरकार राज्यों को सुरक्षा उपायों के अनुपालन के लिए निर्देश देना चाहती है।’’

संस्थागत ढांचे के तहत, मसौदा विधेयक साहसिक पर्यटन और संबंधित बुनियादी ढांचे और सेवाओं के विकास, प्रचार, विनियमन और प्रबंधन के उद्देश्य से राज्य में किसी भी क्षेत्र को साहसिक पर्यटन क्षेत्र घोषित करने की शक्ति भी देता है।

मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जल आधारित साहसिक पर्यटन गतिविधियों के एटलस को पहले ही अधिसूचित किया जा चुका है, जबकि थल और वायु आधारित गतिविधियों के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं।

उन्होंने कहा कि एटलस एक नजर में किसी क्षेत्र में होने वाले ‘वाटर स्पोर्ट्स’ की पूरी जानकारी देगा।

अधिकारी ने कहा कि सरकार एक पखवाड़े के भीतर एक वेबसाइट लाएगी, जो साहसिक पर्यटन से संबंधित सभी सूचनाओं तक पहुंच प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि वेबसाइट तैयार है और अगले 15 दिनों में इसके शुरू हो जाने की उम्मीद है।

सरकार साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दे रही है और यहां जी-20 पर्यटन कार्य समूह की दूसरी बैठक में इसे प्रोत्साहित कर रही है।

केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने शनिवार को कहा था, ‘‘हमारे पास 7,000 किलोमीटर की तटरेखा है, हिमालय का 70 प्रतिशत हमारे पास है, लद्दाख में लगभग 700 किलोमीटर नदियां, बालू का रेगिस्तान और ठंडा रेगिस्तान भी है… ये सभी घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए विभिन्न प्रकार की साहसिक गतिविधियों के अवसर प्रदान करते हैं।’’

उन्होंने कहा, “स्थानीय समुदायों के लिए स्थिरता और आजीविका के अवसरों को ध्यान में रखते हुए भारत साहसिक पर्यटन की पूरी संभावना तलाश रहा है।”

भाषा सुरेश प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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