नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा पाकिस्तान को कर्ज दिए जाने के मामले में अमेरिका के दबाव के आगे झुक गई और विरोध में मतदान नहीं किया।
भारत ने पाकिस्तान को कर्ज दिये जाने का विरोध करते हुए आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड की बैठक में मतदान से दूरी बनाई थी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अब 9 मई, 2025 को पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर से अधिक का ऋण मंजूर करने के लिए आईएमएफ की आलोचना कर रहे हैं, जबकि 29 अप्रैल को ही, मोदी सरकार के जागने से पहले कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से कहा था कि आईएमएफ़ के कार्यकारी बोर्ड की बैठक 9 मई को होने जा रही है और भारत को पाकिस्तान को दिए जाने वाले इस ऋण प्रस्ताव का मजबूती से विरोध करना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि हुआ यह कि नौ मई को भारत ने सिर्फ मतदान से दूरी बना ली।
रमेश के अनुसार, जब यह सामने आया कि भारत ने मतदान में भाग ही नहीं लिया, तो बाद में मोदी सरकार के ढोल पीटने वालों, जयजयकार करने वालों और सरकार का बचाव करने वालों ने यह दलील देना शुरू कर दिया कि भारत के पास इसके अलावा कोई और विकल्प ही नहीं था।
उन्होंने दावा किया, ‘यह सरासर झूठ है। आईएमएफ की कार्यकारी बोर्ड में “ना” में मतदान करने का स्पष्ट प्रावधान है। रूस ने सितंबर 2016 में यूक्रेन को दिए जाने वाले ऋण प्रस्ताव पर “ना” में वोट दिया था, और भारत ने भी 11 सितंबर 2005 को ज़िम्बाब्वे को निष्कासित करने के मुद्दे पर “ना” में मतदान किया था।’
रमेश ने आरोप लगाया, ‘जहां चाह, वहां राह! लेकिन 9 मई को आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड की बैठक में मोदी सरकार स्पष्ट रूप से अमेरिकी दबाव के आगे झुक गई।’
भाषा हक पवनेश दिलीप
दिलीप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.