नई दिल्ली: हाल ही में शुरू हुई दूरसंचार स्पेक्ट्रम नीलामी का दौर बुधवार को समाप्त हो गया. बोली के दूसरे दिन सरकार ने 11,340 करोड़ रुपये कमाए.
भारती एयरटेल 97 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए 6,856 करोड़ रुपये की बोली लगाकर खरीदारों की सूची में शीर्ष पर रही, जबकि बाजार की अग्रणी कंपनी रिलायंस जियो ने 14.4 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम 973 करोड़ रुपये में खरीदा. तीसरे निजी दूरसंचार ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 3,510 करोड़ रुपये में 50 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम हासिल किया.
इस दौर में 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज सहित विभिन्न बैंडों में कुल 10,522.35 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को आरक्षित मूल्य पर 96,238.45 करोड़ रुपये की कीमत पर नीलामी के लिए रखा गया था. इसमें 2024 में समाप्त होने वाले स्पेक्ट्रम और 2022 में आयोजित पिछली नीलामी से बचा हुआ स्पेक्ट्रम शामिल था.
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने न केवल सर्विस को जारी रखने के लिए बल्कि अपनी सेवाओं के विस्तार के लिए भी स्पेक्ट्रम खरीदा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम सीमित है क्योंकि आवश्यक स्पेक्ट्रम का एक बड़ा हिस्सा पिछले साल ही नीलाम हो चुका है.
2022 में आयोजित पिछली नीलामी में, सात दिनों की बोली में 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के दूरसंचार स्पेक्ट्रम की बिक्री हुई थी, जिसमें अरबपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो शीर्ष बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी थी.
मंत्री ने कहा, “हम भारत में दूरसंचार सेवाओं की विश्वसनीयता और विकास सुनिश्चित करने के स्पष्ट उद्देश्य के साथ प्रक्रिया जारी रखेंगे.”
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि 25 जून, 2024 को शुरू हुई नीलामी सात दौर के बाद 26 जून, 2024 को समाप्त हुई.
इस विज्ञप्ति में कहा गया, “चूंकि हाल ही में 5G स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी हुई थी और 5G को मॉनेटाइज़ करने की प्रक्रिया अभी भी प्रगति पर है, इसलिए 800 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में कोई बोली नहीं लगी. शेष 533.6 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम से कुल 141.4 मेगाहर्ट्ज (26.5%) की मात्रा बेची गई. यह इस तथ्य के बावजूद है कि अगस्त 2022 में बहुत बड़ी मात्रा में स्पेक्ट्रम यानी 51.2 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बेचा गया था,”
अगली बार बिना बिके स्पेक्ट्रम को फिर से नीलामी में रखा जाएगा.
भारती एयरटेल के एमडी और सीईओ गोपाल विट्टल ने एक बयान में कहा, “एयरटेल अपने ग्राहकों के बेहतर अनुभव के लिए उचित मात्रा में स्पेक्ट्रम हासिल करना करता है. इस नीलामी में, हमने अपनी सब-गीगाहर्ट्ज और मिड-बैंड होल्डिंग को मजबूत किया है, जो हमारे कवरेज में काफी सुधार करेगा, खासकर इनडोर कवरेज में.”
रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के चेयरमैन आकाश एम. अंबानी ने कहा, “… यह नया स्पेक्ट्रम अधिग्रहण हमें बढ़ती ट्रैफिक मांगों और बेहतर ग्राहक अनुभव के मामले में नए भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम बनाता रहेगा, जो अब केवल शहरी बाजारों तक सीमित नहीं है. हम चाहते हैं कि हर भारतीय जियो के डिजिटल समाधानों की अगली पीढ़ी के परिवर्तनकारी लाभों का आनंद उठाए.”
इस वर्ष 20,000 करोड़ रुपये से अधिक कमाने वाली वित्तीय रूप से संघर्षरत वोडाफोन आइडिया ने यूपी पश्चिम और पश्चिम बंगाल सर्किल्स में अपने 900 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का नवीनीकरण किया, साथ ही आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, पंजाब, राजस्थान, यूपी ईस्ट और कोलकाता सहित सात सर्किलों में अपने 900 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को बढ़ाया.
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने कहा, “वीआईएल ने अपने समग्र स्पेक्ट्रम पोर्टफोलियो को बढ़ाने और मजबूत करने के लिए चुनिंदा बाजारों में रणनीतिक रूप से स्पेक्ट्रम हासिल किया है… चूंकि वीआईएल फंड जुटाने की योजना के साथ अपनी विकास यात्रा शुरू कर रहा है, इसलिए यह स्पेक्ट्रम अधिग्रहण बाजार में इसकी प्रतिस्पर्धी स्थिति को और मजबूत करेगा.”
एक बयान में, कंपनी ने कहा कि इससे उसे इन बड़े बाजारों में ग्राहकों को बेहतर 4G अनुभव प्रदान करने में मदद मिलेगी, खासकर इनडोर अनुभव. कंपनी ने कहा कि उसने मध्य प्रदेश में 1800 मेगाहर्ट्ज और बिहार में 2500 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम हासिल किया है, जो नेटवर्क क्षमता को तेजी से बढ़ाने में मदद करेगा, और यह कि उसके पास “पहले से ही अपने 17 प्राथमिकता वाले सर्किलों में पर्याप्त और प्रतिस्पर्धी 5G स्पेक्ट्रम है”.
कंपनी ने कहा, “इस स्पेक्ट्रम अधिग्रहण के साथ-साथ व्यापक फंड जुटाने (इक्विटी और ऋण) से कंपनी को अपनी अच्छी तरह से परिभाषित रणनीति को क्रियान्वित करने की दिशा में काम करने में मदद मिलेगी, जिसमें 4 जी कवरेज का विस्तार और 5 जी सेवाओं की शुरूआत और भारतीय वायरलेस क्षेत्र द्वारा पेश किए गए बड़े और महत्वपूर्ण अवसरों में भाग लेना शामिल है.”
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