रांची, आठ मार्च (भाषा) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को कहा कि वर्तमान समय महिलाओं के आगे बढ़ने का बेहतर वक्त है और उनकी सरकार हर महिला के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को संकल्पित है।
मुख्यमंत्री ने यहां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में आह्वान किया, ‘‘महिलाएं आगे आएं क्योंकि हर माध्यम से महिलाओं को प्रोत्साहन देना सरकार की प्राथमिकताओं में है। सरकार हर महिला के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को संकल्पित है।’’
सोरेन ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि महिलाओं को समान अधिकार मिलना चाहिए। हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं लेकिन झारखण्ड के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो कई क्षेत्रों में महिलाओं को आगे लाने और उन्हें अपने साथ लेकर चलने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है क्योंकि महिलाएं आधी जिम्मेवारी की हिस्सेदार होती हैं।’’
उन्होंने कहा कि आज कहीं ना कहीं रोशनी उन इलाकों तक भी पहुंच रही है, जहां महिलाओं को उनके पैरों पर खड़ा करने का प्रयास किया गया है और यह क्रम लगातार जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को उनकी पारंपरिक सांस्कृतिक व्यवस्था के साथ आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सशक्त करने का कार्य हो रहा है और जिस तरह महिलाएं बढ़ना चाहती हैं उसी के अनुसार कार्य योजना बन रही है।
उन्होंने कहा कि जो महिलाएं अपने पैरों पर खड़ा होने की इच्छुक हैं सरकार उन्हें हर संभव सहयोग देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में महिला उत्पीड़न को लेकर अनेक तरह की बातें आती हैं। आज भी ऐसी सोच विद्यमान है जिसे समाप्त करने का दायित्व हम सबका है तभी हम समान नजरों से सभी को देखेंगे और महिलाओं को साथ लेकर बढ़ सकते हैं।
इस अवसर पर बाल, विकास एवं सामाजिक सुरक्षा मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि आज हर क्षेत्र में महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने कहा कि पुरुष के साथ साथ कंधा मिलाकर चलने की जरूरत है, यहां कई योजनाओं का संचालन सफलता पूर्वक किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि तेजस्विनी परियोजना का क्रियान्वयन 17 जिलों में हो रहा है। 12,800 क्लब में 10.89 लाख युवतियां जुड़ी हैं। सरकार लगातार महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य कर रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री और मंत्री जोबा मांझी ने सेतु शिक्षा पाठ्यक्रम का विमोचन किया। सेतु शिक्षा पाठ्यक्रम राज्य के 17 जिला में शुरू हो रहा है। इसके तहत स्कूल से दूर रह गयीं 14 से 20 वर्ष की बालिकाओं को 8वीं से 10वीं तक की शिक्षा से जोड़ना है।
भाषा, इन्दु
राजकुमार
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