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Monday, 20 May, 2024
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गोहिल ने गुजरात सरकार पर अडाणी पावर मुंद्रा को अतिरिक्त भुगतान करने का आरोप लगाया

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अहमदाबाद, 26 अगस्त (भाषा) कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने शनिवार को आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार ने दो बिजली खरीद समझौतों के तहत पांच वर्षों में अडाणी पावर मुंद्रा लिमिटेड को 3,900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया है।

वहीं, गुजरात सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री ऋषिकेश पटेल ने आरोप को ‘गुमराह करने वाला’ करार देते हुए कहा कि भुगतान सिर्फ अंतरिम है और अंतिम नहीं।

गोहिल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूएनएल) ने अडाणी पावर को अक्टूबर 2018 और मार्च 2023 के बीच 13,802 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि निजी कंपनी ने (अपने ऊर्जा संयंत्रों के लिए) कोयला खरीद का कोई बिल या संबद्ध दस्तावेज नहीं सौंपा।

कथित तौर पर जीयूवीएनएल द्वारा 3,802 करोड़ रुपये की मांग करते हुए 15 मई 2023 को अडाणी पावर मुंद्रा को लिखा गया एक पत्र भी उन्होंने प्रस्तुत किया। इस अतिरिक्त रकम का भुगतान जीयूवीएनएल ने उक्त निजी कंपनी के साथ किये गये दो ऊर्जा खरीद समझौते के तहत ऊर्जा शुल्क के तौर पर किया था।

कांग्रेस नेता ने इसे भ्रष्टाचार, धन शोधन, सार्वजनिक धन की लूटखसोट और इनसे भी आगे मित्रवाद का एक महत्वपूर्ण मामला बताया जिसका प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) और उनकी सरकार प्रतिनिधित्व करते हैं।

उन्होंने इस ‘बड़े घोटाले’ की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य एजेंसियों से जांच कराने की मांग की।

गोहिल ने दावा किया कि जीयूएनएल ने यह माना है कि उसने अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी के कथित फर्जीवाड़ा का खुलासा किये जाने के बाद अडाणी पावर को 3,900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया।

पत्र में, जीयूवीएनएल ने कहा है कि जिस दर पर अडाणी पावर मुंद्रा द्वारा कोयले की खरीद की गई, वह उस वास्तविक बाजार दर से अधिक है जिस पर इंडोनेशिया में कोयला बेचा जा रहा है।

इसमें कहा गया है, ‘‘अडाणी पावर कुछ चयनित आपूर्तिकर्ताओं से प्रीमियम मूल्य पर निरंतर कोयले की खरीद कर रहा है, जो समय-समय पर इंडोनेशियाई कोयले के वास्तविक बाजार मूल्य को प्रदर्शित नहीं करता है। साथ ही, संबद्ध दस्तावेज नहीं सौंपा गया।’’

आरोपों का जवाब देते हुए मंत्री पटेल ने कहा कि जीयूवीएनएल और अडाणी पावर के बीच लंबित मुद्दों के हल के लिए दो जनवरी 2022 को एक समझौता किया गया। जीयूवीएनएल ने केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग से सत्यापन के बाद उक्त अनुबंध की मूल दर तय करने का अनुरोध किया। यह 15 अक्टूबर 2018 के बाजार मूल्य को ध्यान में रखते हुए किया गया।

आयोग के 13 जून 2022 के फैसले के मुताबिक, मूल दर निर्धारित किया गया, और यह विषय राज्य सरकार के विचारार्थ है तथा सभी भुगतान 15 अक्टूबर 2018 से शुरू किया जाएगा।

भाषा सुभाष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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