गोधरा (गुजरात), आठ अप्रैल (भाषा) गोधरा ट्रेन अग्निकांड के 23 साल से अधिक समय बाद गुजरात के पंचमहल जिले में किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने मंगलवार को मामले में दोषी पाए गए तीन लोगों को तीन साल के लिए अभिरक्षा गृह में रखे जाने की सजा सुनाई। तीनों व्यक्ति घटना के समय नाबालिग थे।
गोधरा में जेजेबी के अध्यक्ष के एस मोदी ने तीनों दोषियों को तीन साल के लिए अभिरक्षा गृह भेज दिया और उन पर 10,000-10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
बोर्ड ने मामले में आरोपी दो अन्य लोगों को बरी कर दिया, जो इस भयावह घटना के समय नाबालिग थे।
बचाव पक्ष के वकील सलमान चरखा ने बताया कि जेजेबी ने तीनों दोषियों को अपीलीय अदालत में आदेश के खिलाफ अपील करने की अनुमति देने के लिए सजा को 30 दिन के लिए निलंबित कर दिया।
सत्ताईस फरवरी, 2002 को गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में भीड़ द्वारा आग लगा दिए जाने से 59 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर ‘कारसेवक’ थे। इस घटना के बाद राज्य में व्यापक सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे, जिसमें एक हजार से अधिक लोग मारे गए थे।
भाषा शफीक नेत्रपाल
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