पणजी, पांच मई (भाषा) श्री लईराई मंदिर के वार्षिक उत्सव के दौरान वहां मची भगदड़ और इसमें छह लोगों के मारे जाने की घटना से पहले गोवा पुलिस द्वारा सीसीटीवी कैमरे लगाने के संबंध में दिए गए निर्देशों को लागू करने में मंदिर समिति विफल रही। यहां एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने त्रासदी से कुछ दिन पहले हुई बैठक के विवरण का हवाला देते हुए कहा कि मंदिर समिति से आवश्यक स्थानों पर अवरोधक लगाने के साथ कतारों के लिए आवश्यक व्यवस्था किए जाने का भी अनुरोध किया गया था।
हालांकि, मंदिर प्राधिकारियों ने कहा कि यह बैठक आयोजन से कुछ ही दिन पहले हुई थी, जिसके कारण सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया।
उत्तरी गोवा के शिरगाओ गांव स्थित श्री लईराई मंदिर में वार्षिक उत्सव के दौरान शनिवार तड़के भगदड़ मचने से छह लोगों की मौत हो गई और 70 से अधिक लोग घायल हो गए।
पुलिस, जिला प्रशासन और श्री लाइराई मंदिर समिति ने महोत्सव से पहले 30 अप्रैल को एक बैठक की, जिसमें मंदिर के प्राधिकारियों को प्रवेश और निकास द्वार पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और ‘जहां भी संभव हो, उचित अवरोधक’ लगाने को कहा गया था।
बैठक में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (उत्तर) अक्षत कौशल, तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक (बिचोलिम) जिवबा दलवी, उपजिलाधिकारी (बिचोलिम) भीमनाथ खोर्जुवेकर, मंदिर समिति के अध्यक्ष दीनानाथ गांवकर और अन्य लोग उपस्थित थे।
‘पीटीआई-भाषा’ के पास मौजूद बैठक के विवरण में कहा गया है, ‘‘मंदिर समिति को सभी प्रवेश और निकास द्वारों, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों, मंदिर और होमखंड के पास सीसीटीवी लगाने के लिए कहा गया है, साथ ही सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष भी स्थापित करने को कहा गया है, जिसके लिए पुलिस कर्मचारी भी उपलब्ध कराए जाएंगे।’’
विवरण के अनुसार, मंदिर समिति से अनुरोध किया गया कि जहां भी आवश्यक हो, उचित अवरोधक के साथ कतारों के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाए और उत्सव के दौरान भीड़ नियंत्रण एवं प्रबंधन में पुलिस की सहायता की जाए।
संपर्क करने पर मंदिर समिति के अध्यक्ष दीनानाथ गांवकर ने कहा कि उनके पास सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए पर्याप्त समय नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘‘इन कैमरों को स्थापित करने के लिए आपको कम से कम 10 से 15 दिन की आवश्यकता होती। यह बैठक महोत्सव से कुछ दिन पहले ही आयोजित की गई थी।’’
गांवकर ने कहा कि अवरोधक नहीं लगाए गए क्योंकि पहले इसके कारण श्रद्धालुओं को चोटें आई थीं।
मंदिर समिति ने कहा कि उन्होंने भगदड़ की जांच कर रही तथ्यान्वेषी समिति के समक्ष गवाही दी है और सारी जानकारी उपलब्ध कराई है।
भाषा यासिर नरेश
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