पणजी, 14 सितंबर (भाषा) गोवा में कांग्रेस के 11 विधायकों में से आठ बुधवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। ऐसे में बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में विपक्षी दल पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद बरकरार रखने पर सवालिया निशान लग गया है।
केवल तीन विधायकों के साथ, कांग्रेस के पास कैबिनेट मंत्री स्तर का पद का दावा करने के लिए 40 सदस्यीय सदन में विधायकों की कुल संख्या का दसवां हिस्सा नहीं है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, विधानसभा अध्यक्ष को विपक्ष के नेता को लेकर फैसला करना होगा क्योंकि कांग्रेस के पास उसके विधायकों के दलबदल के बाद इस पद पर दावा करने के लिए आवश्यक संख्या में विधायक नहीं हैं।
राजनीतिक विश्लेषक एवं अधिवक्ता क्लीयोफेटो कॉटिन्हो ने कहा, ‘‘आमतौर पर, नेता प्रतिपक्ष पद का दावा करने के लिए किसी विपक्षी दल के पास सदन में विधायकों की कुल संख्या का कम से कम दसवां हिस्सा होना चाहिए। गोवा के मामले में यह संख्या चार है। कांग्रेस के पास वर्तमान में केवल तीन विधायक हैं।’’
कॉटिन्हो ने कहा कि यह अध्यक्ष का विशेषाधिकार है कि पद के लिए जरूरी चार की संख्या के लिए अन्य विपक्षी विधायकों की गिनती करें या नहीं। गोवा विधानसभा में अब विपक्ष में सात सदस्य हैं – कांग्रेस के तीन, आम आदमी पार्टी के दो, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और रिवोल्यूशनरी गोवा पार्टी के एक-एक सदस्य हैं।
भाषा अमित नरेश
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