पणजी, सात जून (भाषा)गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने शनिवार को अपना आपा खो दिया और एक मरीज के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने पर गोवा चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच) के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को फटकार लगाते हुए उन्हें तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया।
यह घटना उस समय घटी जब मंत्री अस्पताल का औचक निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे।
गोवा के बम्बोलिम में स्थित जीएमसीएच एक सरकारी अस्पताल है जिसमें 1,000 से अधिक बिस्तर हैं। यह गोवा के साथ-साथ महाराष्ट्र और कर्नाटक के आस-पास के इलाकों के मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करता है।
सूत्रों ने बताया कि राणे जब अस्पताल का दौरा कर रहे थे तब फोन पर उन्हें शिकायत मिली कि एक चिकित्सक मरीज का इलाज करने से इनकार कर रहा है और दुर्व्यवहार कर रहा है।
उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने पर राणे जीएमसीएच के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश पाटिल के साथ अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में पहुंचे।
सूत्रों ने बताया कि जैसे ही मंत्री मौके पर पहुंचे, उन्होंने कथित दुर्व्यवहार के लिए चिकित्सक (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) को फटकार लगाई और कहा, ‘‘आप अपनी जुबान पर काबू रखना सीखिए, आप एक डॉक्टर हैं।’’
राणे ने कहा,‘‘मैं आमतौर पर अपना आपा नहीं खोता, लेकिन आपको भी अच्छा व्यवहार करना चाहिए। आप चाहे कितने भी काम के बोझ से दबे क्यों न हों, आपको मरीजों के साथ ठीक से व्यवहार करना चाहिए।’’
सोशल मीडिया पर पांच मिनट का एक वीडियो प्रसारित हुआ है; जिसमें मंत्री जीएमसीएच परिसर में चिकित्सक को फटकार लगाते हुए नजर आ रहे हैं।
वीडियो में वह डॉक्टर से कहते सुनाई दे रहे हैं कि उन्हें यह समझना चाहिए कि वह लोगों की सेवा करने के लिए आए हैं।
राणे कहते सुनाई दे रहे हैं, ‘‘ आप एक डॉक्टर हैं और गरीबों की सेवा करने के लिए यहां आये हैं।’’
राणे जीएमसीएच के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पाटिल की ओर मुड़कर कहते सुनाई दे रहे हैं, ‘‘ उनकी जगह किसी दूसरे सीएमओ को नियुक्त कीजिए, मैं उनके निलंबन की फाइल पर हस्ताक्षर कर दूंगा। मैं चाहता हूं कि उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया जाए, मैं आमतौर पर अशिष्ट व्यवहार नहीं करता, लेकिन मैं यह बर्दाश्त नहीं कर सकता।’’
भाषा धीरज माधव
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