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सोमवार, 9 जून, 2025
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जीएमसीएच के चिकित्सकों के विरोध प्रदर्शन के बीच गोवा के मंत्री ने मांगी माफी

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पणजी, नौ जून (भाषा) गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) के वरिष्ठ चिकित्सकों के विरोध प्रदर्शन के बीच गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने एक चिकित्सक के प्रति अपने व्यवहार के लिए सोमवार को माफी मांगी और कहा कि चिकित्सा सेवाएं बाधित नहीं होनी चाहिए।

राणे ने उक्त चिकित्सक के निलंबन का आदेश सार्वजनिक तौर पर दिया था।

गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) के चिकित्सक मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि विपक्षी कांग्रेस ने शनिवार को जीएमसीएच में हुई घटना को लेकर मंत्री के इस्तीफे की मांग की है।

राणे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और गोवा एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जीएआरडी) सहित अन्य संगठनों के निशाने पर हैं। जीएआरडी ने हड़ताल की चेतावनी भी दी है।

मंत्री ने जीएमसीएच के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. रुद्रेश कुट्टीकर पर शनिवार को अपने औचक निरीक्षण के दौरान मरीजों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था और उन्हें निलंबित करने का आदेश दिया था।

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने रविवार को विवादास्पद फैसले को खारिज करके स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की।

आईएमए गोवा सहित कई मेडिकल यूनियन ने मंत्री के व्यवहार की निंदा की तथा जीएआरडी ने रविवार को मंत्री को अपने आचरण के लिए माफी मांगने के लिए 48 घंटे की समय सीमा निर्धारित की थी।

राणे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, ‘जीएमसीएच के दौरे के दौरान मैंने डॉ. कुट्टीकर को जो कठोर शब्द कहे, उसके लिए मैं उनसे दिल से माफी मांगता हूं।’

मंत्री ने कहा, ‘‘क्षणिक उत्तेजना में मेरी भावनाएं मेरी अभिव्यक्ति पर हावी हो गईं और जिस तरह से मैं स्थिति से निपटा, उसके लिए मुझे गहरा खेद है।’’

उन्होंने कहा कि उनका किसी भी चिकित्सा पेशेवर की गरिमा को कमतर करने या उसका अनादर करने का कभी भी इरादा नहीं था। उन्होंने कहा, ‘चिकित्सकों का हमारे समाज में एक पवित्र और महान स्थान है। वे लोगों को ठीक करने, उन्हें आराम देने और उनकी जान बचाने के लिए अथक परिश्रम करते हैं।’’

मंत्री ने कहा कि भले ही उनके बोलने का लहजा सही नहीं होगा, लेकिन उनका इरादा हमेशा यह सुनिश्चित करना था कि किसी भी मरीज को समय पर देखभाल से वंचित न किया जाए और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली उत्तरदायी और करुणामय बनी रहे।

मंत्री ने लिखा, ‘‘हालांकि, मैं गोवा मेडिकल कॉलेज में सेवाओं में व्यवधान के बारे में भी उतना ही चिंतित हूं, जिसका असर अब हजारों निर्दोष रोगियों पर पड़ रहा है।’

मंत्री ने कहा, ‘इस स्थिति का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है और मैं अपने सभी चिकित्सकों से आग्रह करता हूं कि वे अपने लोगों के कल्याण के लिए अपनी साझा बड़ी जिम्मेदारी पर विचार करें।’’

राणे ने इससे पहले दिन में पत्रकारों से बात करते हुए अपने व्यवहार के लिए माफ़ी मांगी और स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी किसी डॉक्टर को निलंबित करने के लिए फ़ाइल आगे नहीं बढ़ायी। उन्होंने कहा, ‘मैंने फ़ाइल आगे नहीं बढ़ायी। यह मुद्दा अब राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है।’ उन्होंने कहा कि मामला एक अलग तरह के परिदृश्य में बदल गया है।

आईएमए की गोवा इकाई के सदस्यों, जीएमसीएच के विभागाध्यक्षों, कंसल्टेंट, छात्रों और मेडिकल इंटर्न समेत कई चिकित्सकों ने बम्बोलिम में अस्पताल के सामने राणे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने मंत्री से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की और जीएमसीएच में वीआईपी संस्कृति को खत्म करने का आह्वान किया।

चिकित्सकों ने यह भी मांग की कि कैजुअल्टी वार्ड जैसे संवेदनशील स्थानों में न्यूज कैमरों और मीडिया को जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

चिकित्सकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जीएमसीएच के डीन डॉ. शिवानंद बांदेकर से भी मुलाकात की।

प्रदर्शन स्थल पर मौजूद आम आदमी पार्टी (आप) नेता रामराव वाघ ने कहा कि डॉक्टर राणे से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘मैंने सुना है कि उन्होंने (राणे) माफ़ी मांगी है, लेकिन डॉक्टर इस तरह की माफ़ी से खुश नहीं हैं।’

कांग्रेस ने प्रदर्शनकारी चिकित्सकों के समर्थन में आवाज़ उठायी है और राणे को हटाने की मांग की है।

गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित पाटकर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि पार्टी राज्य के चिकित्सकों के प्रति अटूट एकजुटता दिखाती है। उन्होंने कहा, ‘जब लोगों की जान बचाने वाले लोग अपने स्टेथोस्कोप लटकाकर सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाते हैं, तो यह सिर्फ़ हड़ताल नहीं है – यह सम्मान, न्याय और सुरक्षा की पुकार है।’

उन्होंने कहा कि गोवा को परेशान करने वाली असली बीमारी भाजपा का अहंकार के नशे में चूर होना है। उन्होंने कहा, ‘विश्वजीत राणे ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए सारी हदें पार कर दी हैं।’

पाटकर ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, ‘उन्हें तुरंत पद से हटायें या फिर जन विद्रोह का सामना करें।’

भाषा अमित दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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