पणजी, चार अगस्त (भाषा) गोवा में एक कैथोलिक पादरी पर मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज पर एक उपदेश के दौरान की गई टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को मामला दर्ज किया गया।
पुलिस ने कहा कि फादर बोलमैक्स परेरा पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि मामला रात 10 बजे दर्ज किया गया।
अधिकारियों ने कहा कि मामला वास्को थाने में दर्ज किया गया है, हालांकि दक्षिण गोवा के क्यूनकोलिम और कैनाकोना सहित अन्य थानों में भी शिकायतें मिली हैं।
इससे पहले परेरा ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी थी लेकिन यह भी कहा था कि 17वीं शताब्दी के राजा पर उनके बयान को ‘‘संदर्भ से बाहर और गलत अर्थ में देखा गया’’।
परेरा के माफी मांगने के बावजूद बजरंग दल ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की, जबकि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
वास्को शहर के पास चिकालिम के एक गिरजाघर से जुड़े पादरी का एक वीडियो हाल में सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हुआ था जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘छत्रपति शिवाजी को भगवान नहीं माना जा सकता’’।
बजरंग दल समेत राज्य के कई दक्षिणपंथी संगठनों ने उनकी टिप्पणी की निंदा की।
बृहस्पतिवार देर शाम परेरा ने एक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने अपनी टिप्पणी को लेकर हुए विवाद और छत्रपति शिवाजी महाराज के उल्लेख के कारण पैदा हुई ‘‘गलतफहमी’’ पर खेद जताया।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘उपदेश देने के दौरान महान राष्ट्रीय नायक और बहादुर योद्धा का उल्लेख करने का उद्देश्य और इरादा भक्तों और वहां मौजूद लोगों को यह बताना था कि छत्रपति शिवाजी महाराज देश और विदेश में सभी धर्मों, जातियों, पंथ, भाषाओं से परे लोगों द्वारा पूजनीय हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए उन्हें (शिवाजी महाराज को) केवल एक धर्म के लिए जिम्मेदार ठहराने से अन्य धर्मों के लोगों के बीच उनका कद और महानता कम हो जाएगी।’’
पादरी ने कहा कि वह यह जानकर स्तब्ध रह गए कि उनके उपदेश को ‘‘संदर्भ से हटाकर उसका कुछ अंश पेश किया गया’’ और बयान का केवल एक हिस्सा दिखाया गया, जबकि दूसरे हिस्से में जिसमें शिवाजी महाराज की वीरता और शौर्य की प्रशंसा में कहा गया था कि वह अपने लोगों और राज्य की रक्षा की और आक्रमणकारियों के खिलाफ खड़े हुए, इस बात को ‘‘दुर्भावनापूर्ण ढंग से छोड़ दिया गया।’’
उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि उनकी टिप्पणी के हिस्से को हटाने का उद्देश्य गुस्सा भड़काना और समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करना था।
फादर परेरा ने कहा, ‘‘अगर इस प्रकरण और गलतफहमी के कारण किसी व्यक्ति या संगठन को ठेस पहुंची है, तो मैं गहरा खेद व्यक्त करता हूं और आशा करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि सदियों से मौजूद समुदायों के बीच दीर्घकालिक बंधन कायम रहे और मजबूत हो।’’
बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने परेरा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शुक्रवार शाम वास्को थाने तक मार्च निकाला। थाने पर उनके आंदोलन से इलाके में तनाव व्याप्त हो गया।
बजरंग दल गोवा के सह-संयोजक विराज देसाई ने कहा, ‘‘हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए पादरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए भगवान से कम नहीं हैं।’’
वास्को थाने के निरीक्षक कपिल नाइक ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने के आश्वासन के बावजूद बजरंग दल कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी रहा।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने संवाददाताओं से कहा कि पादरी के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारी वास्को में स्थिति को नियंत्रित कर रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद जहां प्रदर्शनकारियों का एक समूह छंट गया, वहीं कुछ लोग थाने के बाहर प्रदर्शन करते रहे।
यह मुद्दा गोवा विधानसभा के जारी मानसून सत्र के दौरान उठा था।
मुख्यमंत्री सावंत ने परेरा के बयान का जिक्र किया, वहीं गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विधायक विजय सरदेसाई ने कहा कि मामला शांत हो जाना चाहिए क्योंकि पादरी ने माफी मांग ली है।
भाषा सुरभि नेत्रपाल
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