नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) ‘ग्लोबल साउथ’ देशों के शिक्षा मंत्रियों ने तकनीकी बुनियादी ढांचे की बाधाओं को दूर कर सभी शिक्षार्थियों के लिए डिजिटल खाई दूर करने की खातिर सामूहिक रूप से काम करने की शुक्रवार को साझा प्रतिबद्धता दोहराई।
भारत द्वारा आयोजित ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ के दूसरे संस्करण के दौरान, मंत्रियों ने दुनिया भर में शिक्षा एवं पर्यावरण को बढ़ावा देने में शिक्षकों और शिक्षा कर्मचारियों की भूमिका को रेखांकित किया। इसके साथ ही उन्होंने क्षमता निर्माण और विनिमय कार्यक्रमों पर भी जोर दिया ।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘बैठक में शामिल शिक्षा मंत्रियों ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिए सुलभ, न्यायसंगत, समावेशी और सतत भविष्य के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर सहमति जतायी।’’
बयान के अनुसार 14 देशों – बोत्सवाना, ब्रुनेई दारुसस्लाम, जॉर्जिया, ट्यूनीशिया, ईरान, लाओ पीडीआर, मलावी, म्यांमा, पलाऊ गणराज्य, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ साओ टोमे और प्रिंसिपे, अल्बानिया, मलेशिया, जिम्बाब्वे, कैमरून के मंत्रियों ने बैठक में वर्चुअली भाग लिया और अपनी जानकारी साझा की।
बैठक में भाग लेने वाले देशों के शिक्षा मंत्री गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिए सुलभ, न्यायसंगत, समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर सहमत हुए। मंत्रीगण गुणवत्तापूर्ण अध्यापन, अध्ययन और कौशल को बढ़ावा देने के लिए सहयोगपूर्ण समाधान, नवाचार, सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों के बीच शैक्षणिक सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।
भाषा अविनाश पवनेश
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