नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) गणतंत्र दिवस समारोह में बृहस्पतिवार को दादरा, नागर हवेली, दमन एवं दीव की झांकी में इस केंद्रशासित प्रदेश की आदिवासी नृत्य कला के कई स्वरूपों, युद्ध से जुड़़ी स्मृतियों और मछली पकड़ने की संस्कृति की झलक देखने को मिली।
इस झांकी के जरिये केंद्रशासित प्रदेश के लोक नृत्यों भावड़ा और तारपा को दर्शाया गया। झांकी के मध्य हिस्से में टोकरियां पकड़े महिलाएं ढोल की थाप पर लोक नृत्य करते नजर आईं और पुरुष समुद्र में मछली पकड़ने की मुद्रा से इसके संकेत देते दिखे।
अगले हिस्से में भारतीय नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस खुखरी दिखाई गई जो 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान अरब सागर में दीव के तट पर डूब गई थी।
इसके साथ ही दादरा, नागर हवेली, दमन एवं दीव में मछली पकड़ने की संस्कृति को भी इस झांकी के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। इसके लिए झांकी में विशाल नौका प्रदर्शित की गई थी। यह नौका सिल्वासा क्षेत्र में पाए जाने वाले चंदन की लकड़ी से बनी थी। लकड़ी को पुर्तगाली भाषा में ‘सिल्वा’ कहा जाता है। नौका के पीछे दीव के किले की झलक बताई गई थी जो 16वीं सदी में पुर्तगालियों ने बनवाया था।
भाषा हक
हक मनीषा
मनीषा
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