श्रीनगर, 10 जून (भाषा) हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहानी वानी की मौत के बाद 2016 के गर्मियों में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान ‘पैलेट गन’ चलाये जाने से आंखों की रोशनी गंवाने वाली इंशा मुश्ताक ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा अच्छे अंकों के साथ पास की है।
जम्मू-कश्मीर स्कूली शिक्षा बोर्ड ने शुक्रवार को परीक्षा परिणाम घोषित किए जिनमें 22 वर्षीय मुश्ताक को 500 में से 319 अंक मिले हैं।
दक्षिण कश्मीर में शोपियां जिले के सेदो इलाके की रहने वाले मुश्ताक ने आंखों की रोशनी गंवाने के दो साल बाद 10वीं की परीक्षा पास की थी।
हालांकि, 2016 की घटना के बाद मुश्ताक के जीवन में अंधेरा छा गया था, लेकिन उसने हार नहीं मानी। तमाम बाधाओं के बावजूद उसे लगातार प्रयासों के कारण सफलता मिली है।
मुश्ताक ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया। उसने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘10वीं के बाद मैंने श्रीनगर के दिल्ली पब्लिक स्कूल में दाखिला लिया और कंप्यूटर तथा इंग्लिश स्पीकिंग का तीन साल का कोर्स चुना। मैंने 2021 में 11वीं पास किया और अब 12वीं पास कर ली है।’’
उसने बताया, ‘‘मेरा परिवार अड़ा हुआ था कि मैं आगे पढ़ूं। उन्होंने मुझसे आशा और साहस नहीं खोने, पढ़ाई करके आत्मनिर्भर बनने को कहा।’’
उसने कहा, ‘‘ मैं आईएएस अधिकारी बनना चाहती हूं ताकि मैं सभी दृष्टिबाधित लोगों के लिए उदाहरण बन सकूं। मैं चाहती हूं कि उनमें हर व्यक्ति आत्मनिर्भर बने और जीवन में आगे बढ़े।
भाषा अर्पणा राजकुमार
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