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मंगलवार, 10 जून, 2025
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जर्मनी अस्थिर नहीं, भारतीय छात्रों के लिए भरोसेमंद साझेदार : राजदूत एकरमैन

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(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने मंगलवार को कहा कि जर्मनी लंबे समय से भारतीय छात्रों के लिए एक भरोसेमंद साझेदार रहा है और वह “अनिश्चित” या “अस्थिर” नहीं है, बल्कि बहुत स्थिर है।

एकरमैन ने इस बात पर जोर दिया कि उनका देश भारत के “बुद्धिमान और प्रतिभाशाली” लोगों को अपने यहां चाहता है।

जर्मन राजदूत की यह टिप्पणी भारत सहित अन्य देशों के छात्रों के सामने कुछ देशों में उच्च शिक्षा हासिल करने की दिशा में दाखिले और छात्र वीजा प्रक्रियाओं से जुड़े मामलों में आ रही कठिनाइयों के मद्देनजर आई है।

एकरमैन ने यहां अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मौजूदा समय में 50,000 से अधिक भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए जर्मनी में हैं और “हमारा अनुभव कहता है कि आने वाले समय में यह संख्या बढ़ेगी”।

उन्होंने किसी देश का नाम लिये बिना कहा कि अन्य देशों में सामने आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए अधिक संख्या में भारतीय छात्रों के उच्च शिक्षा के लिए जर्मनी का रुख करने की संभावना है।

एकरमैन ने कहा, ‘‘कुछ देशों में दाखिले और छात्र वीजा प्रक्रिया में आ रही कठिनाइयों को देखते हुए शायद यह कहने का उचित समय आ गया है कि जर्मनी भारतीय छात्रों का स्वागत करने के लिए उत्सुक और खुश है।”

उन्होंने कई ऐसे मौकों का जिक्र किया, जब जर्मनी भारतीय छात्रों के लिए एक “भरोसेमंद साझेदार” बनकर उभरा और ​​कहा, ‘‘आपके (भारतीय छात्रों के) यहां आने से पहले हम आपके सोशल मीडिया अकाउंट की जांच भी नहीं करते हैं।”

एकरमैन ने कहा, “हमें लगता है कि जर्मनी लंबे समय से भारतीय छात्रों के लिए एक भरोसेमंद साझेदार रहा है और आगे भी रहेगा। हम भारतीय प्रतिभाओं में दिलचस्पी रखते हैं, हम भारतीय दिमाग में दिलचस्पी रखते हैं। हम उन भारतीयों में दिलचस्पी रखते हैं, जो वास्तव में कुछ हासिल करना चाहते हैं और जर्मनी हमेशा ऐसे लोगों का साथी रहेगा। इसलिए, हम अनिश्चित नहीं हैं, हम अस्थिर नहीं हैं, हम बहुत-बहुत स्थिर हैं।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जर्मनी उच्च श्रेणी की शिक्षा प्रदान करता है और जो छात्र इसे हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने को तैयार हैं, उनका “स्वागत” है तथा वे “हम पर भरोसा” कर सकते हैं।

जर्मन राजदूत ने कहा, “हम चाहते हैं कि प्रतिभाशाली युवा भारतीय जर्मनी आएं।”

एकरमैन ने कहा कि छात्रों के साथ जर्मन विश्वविद्यालयों तथा शोध संस्थानों का “अनुभव बेहद अच्छा रहा है।” उन्होंने कहा कि जर्मन विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की संख्या हर साल बढ़ रही है और अनुप्रयुक्त विज्ञान (अप्लाइड साइंस) से जुड़े विश्वविद्यालयों में भी बड़ी संख्या में भारतीय छात्र दाखिला ले रहे हैं।

एकरमैन ने कहा, “हम जर्मनी में 50,000 से अधिक भारतीय छात्रों के बारे में बात कर रहे हैं और हमारा अनुभव कहता है कि यह संख्या बढ़ेगी। हमें लग रहा है कि अन्य देशों में सामने आने वाली चुनौतियों के मद्देनजर अधिक संख्या में भारतीय छात्र जर्मन विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों का रुख करने के इच्छुक हैं।”

इस अवसर पर कोलोन विश्वविद्यालय, गोटिंगेन विश्वविद्यालय, फ्रेई यूनिवर्सिटेट बर्लिन जैसे विभिन्न शीर्ष जर्मन विश्वविद्यालयों तथा मैक्स प्लैंक सोसायटी और फ्रॉनहोफर जैसे अनुसंधान संस्थानों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

बाद में एकरमैन ने ‘पीटीआई वीडियो’ के साथ बातचीत में कहा कि शैक्षणिक सहयोग भारत-जर्मनी द्विपक्षीय संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ है।

उन्होंने कहा, “हम भारतीय प्रतिभाओं का स्वागत करने के इच्छुक हैं और यह ऐसा समय है, जब कई भारतीय छात्र, जो कहीं और जाने के बारे में सोच रहे थे, वहां न पहुंच पाने के कारण अपने फैसले पर पुनर्विचार कर रहे हैं। इसलिए मैं उनसे कहूंगा कि जर्मनी की तरफ देखिए। अगर आप एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) सहित अन्य क्षेत्रों में उच्च श्रेणी की शिक्षा हासिल करना चाहते हैं, तो जर्मन विश्वविद्यालय शानदार विकल्प प्रदान करते हैं, वह भी जर्मनी के श्रम बाजार में शामिल होने की व्यापक संभावनाओं के साथ।”

भाषा पारुल सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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