नयी दिल्ली,27 जनवरी (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि जनवरी में कोविड-19 के नमूनों के जीनोम अनुक्रमण में करीब 9,672 ओमीक्रोन स्वरूप के पाये गए, जो अनुक्रमित किये गये कुल नमूनों का 75 प्रतिशत है। यह आंकड़ा दिसंबर के 1,292 से भारी वृद्धि को प्रदर्शित करता है।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ एस.के. सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ओमीक्रोन-बीए.1 और बीए.2 के ‘सब लिनिएज’ अनुक्रमित नमूनों में पाये गए, जबकि बीए.3 नहीं पाये गए।
सिंह ने कहा, ‘‘हम पहले बीए.1 नमूने प्राप्त कर रहे थे, जो ज्यादातर यात्रियों (विदेश यात्रा कर चुके) में पाये गए थे लेकिन अब हम देख रहे हैं बीए.2 समुदाय में अधिक पाये जा रहे हैं। ’’
उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन के नमूनों की संख्या में दिसंबर की तुलना में जनवरी में भारी वृद्धि देखी गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘जीनोम अनुक्रमण में, दिसंबर और जनवरी के बीच ओमीक्रोन नमूनों में भारी वृद्धि देखी गई। ’’
दिसंबर में, जीनोम अनुक्रमण में, ओमीक्रोन के सिर्फ 1,292 नमूने थे, जबकि डेल्टा स्वरूप और एवाई सीरिज के 17,272 नमूने थे।
जनवरी में, ओमीक्रोन के 9,672 नमूने पाये गये, जो कुल अनुक्रमित नमूनों के 75 प्रतिशत हैं, जबकि एवाई लिनिएज 3,201 नमूनो में पाया गया और डेल्टा 1,578 में पाया गया।
सिंह ने कहा कि डेल्टा स्वरूप ओडिशा, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में अधिक पाया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि हर जगह हम ओमीक्रोन के ही मामले पा रहे हैं, हम डेल्टा स्वरूप के मामले भी पा रहे हैं जिससे प्रदर्शित होता है कि डेल्टा स्वरूप का असर पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। रोग की गंभीरता और अस्पताल में भर्ती होने के मामले में भी हम डेल्टा को एक वजह के रूप में पा सकते हैं इसलिए यह जरूरी है कि हमें अस्पताल में भर्ती मरीजों को एकपक्षीय तरीके से यह नहीं मानना चाहिए कि वे ओमीक्रोन के हैं, जिसके चलते वे हल्के होंगे।’’
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सुभाष नरेश
नरेश
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