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Monday, 4 November, 2024
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‘TIME में गहलोत’, राजस्थान सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को प्रतिष्ठित पत्रिका में मिली जगह

राजस्थान सरकार की इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना, अन्नपूर्णा फूट पैकेट और गिग वर्कर्स के लिए बनाए सामाजिक सुरक्षा कानून को इस पत्रिका में जगह मिली है तो यह पूरे देश के लिए गौरव की बात है.

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नई दिल्ली: ‘टाईम‘ मैगजीन, दुनिया की बेहतरीन समाचार पत्रिका, इंटरनेट, सोशल मीडिया और एआई के जमाने में भी जिसका जलवा कायम है, जिसमें लिखे एक एक शब्द की कीमत है, बड़े बड़े लोग इसमें छपने के लिए तरसते हैं. जिस किसी का फोटो या नाम इसमें छप जाए, उसकी ख्याति रातोंरात पूरे विश्व में फैल जाती है. ऐसी समाचार पत्रिका में अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फोटो सहित उनकी योजना के बारे में लेख प्रकाशित हो तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे किस हद तक काम कर रहे हैं, उनके काम की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हो रही है. लिखे और छपे हुए शब्दों की अहमियत समझने वाले जानते हैं कि टाईम के स्तर तक पहुंचना कितना मुश्किल है, वहां कोई सिफारिश, पैसा, विज्ञापन या अन्य मैनेज की हुई चीजें काम नहीं करती, कितने जगह फिल्टर होने के बाद बाद कोई खबर इस पत्रिका के पन्ने पर जगह बनाती है.

राजस्थान सरकार की इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना, अन्नपूर्णा फूट पैकेट और गिग वर्कर्स के लिए बनाए सामाजिक सुरक्षा कानून को इस पत्रिका में जगह मिली है तो यह पूरे देश के लिए गौरव की बात है. ऐसा पहली बार हुआ है तो सोचने वाले और बोलने वाले यह सोच सोच ही परेशान हैं कि इस स्तर तक ये योजनाएं पहुंची कैसे, ऐसा क्या हुआ कि टाईम की नजर इन पर पडी, उसने लिखा ही नहीं ‘केटलिस्ट‘ अर्थात परिवर्तन लाने वाला भी बताया.

स्मार्टफोन योजना के तहत 1 करोड़, 40 लाख परिवारों की महिला मुखिया को स्मार्टफोन, तीन साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ निशुल्क दिया जा रहा है. योजना के तहत पहले चरण में 40 लाख महिलाओं को मोबाइल देने की प्रक्रिया जारी है, बाकी महिलाओं को भी जल्द ही मोबाइल मिलेंगे.

इसी तरह गिग वर्कर्स के लिए कानून बनाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है, विश्व के विकसित देशों में इनके लिए कानून बने हुए हैं, उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की गई है. भारत सरकार ने इस दिशा में कोई खास काम नहीं किया है, श्रम संहिता तो जारी की है लेकिन बात इससे ज्यादा आगे नहीं बढी, प्रदेशों की बात तो छोड ही दीजिए.

यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की संवेदनशीलता का प्रमाण है कि असंगठित क्षेत्र में कामगारों के लिए, जिनकी आवाज उठाने वाला कोई नहीं था, उनके लिए भी कानून बनाकर 200 करोड़ रूपए का वेलफेयर फंड भी बनाया. अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना में 1 करोड़, 6 लाख जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क राशन उपलब्ध कराया जा रहा है, सरकार इस पर 392 करोड़ रूपए खर्च कर रही है.

महंगाई के इस दौर में इन परिवारों को इस योजना से बडा सहारा मिला है. इन तीन योजनाओं का टाईम में जिक्र है जिसको लेकर जयपुर से लेकर दिल्ली तक जबरदस्त चर्चा चल रही है. आज तक ऐसा नहीं हुआ कि भारत सरकार या किसी राज्य सरकार ने कोई योजना या कानून बनाया और इस मैगजीन में स्थान मिला हो.

अब जरा बात उनकी भी कर लें जिन्होंने नरेंद्र मोदी की फोटो इसके कवर पर आने से आसमान सिर पर उठा लिया था कि देखो, देखो मोदी की प्रसिद्धी, टाईम ने अपने कवर पर उन्हें छापा है. अब लगता है उनकी बोलती बंद हो गई है, उन्हें सांप सूघ गया लगता है, उन्हें सूझ ही नहीं रहा कि इस पर क्या प्रतिक्रिया दें, क्या टिप्पणी करें. वैसे इस स्तर की खबर पर कुछ बोलने की कूव्वत राजस्थान में केवल वसुंधरा राजे में है, इस मामले पर उनकी टिप्पणी आनी बाकी है.

राजस्थान के लिए तो यह गर्व की बात है ही, देश के लिए और कांग्रेस के लिए भी कम गौरव की बात नहीं है कि उनके एक मुख्यमंत्री की सोच, नजरिए और काम की विश्वस्तर पर तारीफ हो रही है. इस उपलब्धि को कांग्रेस पार्टी अपने सीने पर सितारे की तरह सजा सकती है.


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