नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय को मंगलवार को सूचित किया गया कि न्यायमूर्ति गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली समिति राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), मणिपुर के कई विद्यार्थियों के उन अनुरोध पर विचार कर रही है, जो जातीय हिंसा प्रभावित राज्य से बाहर के संस्थानों में स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि राज्य छात्रों को समायोजित करने के लिए बाध्य है।
समिति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विभा दत्त मखीजा ने पीठ को बताया कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मित्तल एनआईटी, मणिपुर के कई छात्रों के स्थानांतरण अनुरोध के संबंध में विभिन्न अधिकारियों के साथ समन्वय कर रही हैं।
वरिष्ठ वकील ने कहा, ‘‘हम छात्रों द्वारा स्थानांतरण के लिए किए गए दावों की वास्तविकता की जांच करने की प्रक्रिया में हैं।’’
उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में वैधानिक आवश्यकताओं को पूरा किये जाने की आवश्यकता हो सकती है।
मखीजा ने अदालत से मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद के लिए सूचीबद्ध किये जाने का आग्रह किया। पीठ ने अनुरोध पर सहमति व्यक्त की।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति गीता मित्तल समिति अपेक्षित स्तर पर अधिकारियों के साथ चर्चा कर रही है। हम अगली सुनवाई 27 अगस्त के लिए सूचीबद्ध करते हैं।’’
भाषा
शफीक माधव
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