(ब्रजेन्द्र नाथ सिंह)
नयी दिल्ली, 28 फरवरी (भाषा) लोकसभा चुनाव की घोषणा में अभी कुछ समय बचा है लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश की गौतम बुद्ध नगर संसदीय सीट पर भाजपा प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल बदलाव और नए चेहरों को अवसर दिए जाने की पैरवी करते हुए अपनी दावेदारी पेश करने के प्रयासों में लगे हैं।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान सांसद डॉक्टर महेश शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अपनी दावेदारी के लिए सोशल मीडिया से लेकर जमीनी स्तर पर अभियान चला रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि वह खुलकर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं तो क्या उन्हें केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिल गई है, अग्रवाल ने कहा कि वह पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ता हैं लेकिन बदलाव भी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बदलाव के बगैर तो कोई संगठन आगे बढ़ ही नहीं सकता लेकिन नए लोगों को भी अवसर मिलने चाहिए।
शर्मा 2014 से गौतम बुद्ध नगर के सांसद हैं। परिसीमन के बाद साल 2009 में यह सीट अस्तित्व में आई थी और पहली बार बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर यहां से सुरेन्द्र सिंह नागर ने जीत दर्ज की थी। नागर अब भाजपा में हैं और राज्यसभा के सदस्य हैं।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में महेश शर्मा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 3,36,922 मतों के अंतर से पराजित किया था जबकि 2014 के लोकसभा में उनकी जीत का अंतर 2,80,212 था। पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की भाजपा सरकार बनने पर शर्मा को केंद्रीय पर्यटन और संस्कृत राज्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि 2019 में उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद में स्थान नहीं मिला।
भाजपा ने अभी तक औपचारिक रूप से इस सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस से गठबंधन के बाद गौतम बुद्ध नगर लोकसभा की सीट समाजवादी पार्टी के हिस्से में आई है। सपा ने वैसे तो राज्य की कुछ सीट पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं लेकिन अब तक उसने भी गौतम बुद्ध नगर से किसी के नाम का ऐलान नहीं किया है।
भाजपा नेता अग्रवाल इन दिनों संसदीय क्षेत्र के इलाकों और आवासीय सोसायटी में लगातार घूम रहे हैं, ‘गोपाल की चौपाल’ लगा रहे हैं और गौतमबुद्ध नगर संसदीय क्षेत्र को लेकर अपने दृष्टिपत्र के बारे में भी मतदाताओं को अवगत करा रहे हैं।
हाल ही में उन्होंने भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों के बीच भी गौतम बुद्ध नगर को लेकर 72 पन्नों के ‘संकल्प पत्र- 2024’ की प्रति बांटी, जिसमें उन्होंने ‘बेहतर गौतम बुद्ध नगर’ बनाने का दावा और क्षेत्र की जनता की विभिन्न समस्याओं के समाधान को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
महेश शर्मा भी क्षेत्र में सक्रिय हैं और ‘सांसद आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत संसदीय क्षेत्र में विभिन्न इलाकों एवं सोसायटी में मतदाताओं से संवाद कर रहे हैं।
हालांकि ‘पीटीआई-भाषा’ ने उनसे बातचीत की कोशिश की लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो सके।
अग्रवाल सोशल मीडिया पर भी खासे सक्रिय हैं और ‘एक्स’ पर किए लगभग हर पोस्ट को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व, खासकर संगठन महामंत्री बी एल संतोष को जरूर टैग करते हैं।
एक ऐसे ही पोस्ट में अग्रवाल ने लिखा, ‘‘ स्थानीय प्रतिनिधि अच्छा हो, अपने दायित्वों के प्रति समर्पित हो, ईमानदारी से अपने क्षेत्र के प्रति जिम्मेदारी निभाता हो तो क्षेत्र का बेहतर विकास होता है और यह प्रगति प्रदेश व देश की प्रगति से जुड़ती है। इसलिए डबल इंजन की सरकार में जरूरी है कि एक तीसरा इंजन भी सही हो, जनसेवा के लिए समर्पित हो।’’
अग्रवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि वह पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं और उन्होंने प्रदेश स्तर से लेकर केंद्रीय स्तर तक विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वाह किया है। वर्तमान में वह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता (आर्थिक मामले) हैं।
उन्होंने कहा कि राजनीति में आने से पहले भी वह सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में गौतम बुद्ध नगर में सक्रिय रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ राजनीतिक क्षेत्र में जो भी कार्यकर्ता है, उसका एक उद्देश्य यह भी रहता है कि वह एक जनप्रतिनिधि के रूप में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करे।’’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के थिंक टैंक इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन और भाजपा के डॉ मुखर्जी स्मृति न्यास से जुड़े रहे अग्रवाल ने कहा कि गौतम बुद्ध नगर में असीम क्षमताएं हैं और यह न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि भारत के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
उन्होंने कहा कि जैसे हैदराबाद ने पहले आंध्र प्रदेश और फिर तेलंगाना के विकास में तथा बेंगलुरु ने कर्नाटक के विकास में योगदान दिया है, ठीक उसी प्रकार गौतम बुद्ध नगर पूरे उत्तर भारत की विकास गाथा में योगदान दे सकता है।
इस लोकसभा क्षेत्र में नोएडा, दादरी, जेवर, सिकंदराबाद और खुर्जा विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं जहां मतदाताओं की कुल संख्या 23 लाख से अधिक है। इनमें गुर्जर, ठाकुर, दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या अधिक है।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र नरेश
नरेश
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