गुवाहाटी, छह मई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न के पाकिस्तानी सेना के साथ ‘अच्छे संबंध’ हैं।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शर्मा ने दावा किया कि कोलबर्न ने भारत और पाकिस्तान के बीच 19 बार यात्रा की थी और पड़ोसी देश में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी उनके साथ रहे।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘उन्होंने पाकिस्तान में काम किया और फिर एक गैर-सरकारी संगठन में काम करने के लिए दिल्ली आईं, लेकिन उन्हें पाकिस्तान से वेतन मिलता रहा।’
शर्मा ने दावा किया कि गोगोई ने भी ‘आधिकारिक नहीं, व्यक्तिगत तौर पर’ पाकिस्तान का दौरा किया और वहां 15 दिन तक रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उनकी (गोगोई) पत्नी साथ गई थीं, लेकिन वह सात दिन बाद वापस आ गईं, जबकि गोगोई सात दिन और वहीं ठहरे। उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने 15 दिनों तक पाकिस्तान में क्या किया।’
शर्मा ने कहा, ‘यह पता लगाया जाना चाहिए कि उन्होंने पाकिस्तान में क्या किया और क्या उन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनकी सेना की मदद की। यह यात्रा क्यों हुई इसे प्रमाणित किया जाना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पाकिस्तान जाने पर सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन वह वहां आधिकारिक रूप से गए थे। अगर गोगोई आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के तौर पर वहां जाते, तो हम सवाल नहीं उठाते, लेकिन वह वहां निजी तौर पर गए थे और हम जानना चाहेंगे कि उस देश में उनका स्वागत किसने किया।’
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पाकिस्तानी नागरिक अली तौकीर शेख और भारत में उसके सहयोगियों के बीच संबंधों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच पूरी कर ली है और ‘हमारे पास सबूत हैं कि वह (गोगोई) वाघा-अटारी सीमा के रास्ते गए थे।’
उन्होंने कहा कि हालांकि, हमें विवरण को प्रमाणित करने के लिए वैधानिक प्रावधानों को पूरा कर होगा और इसके लिए समय की आवश्यकता है, लेकिन हमने यह प्रक्रिया शुरू कर दी है और 10 सितंबर तक हम इसे पूरा कर लेंगे।
शर्मा ने दावा किया कि एसआईटी ‘आवश्यक स्थानों पर गई थी… लेकिन साक्ष्य एकत्र करने की एक प्रक्रिया होती है’।
शर्मा ने दावा किया कि कांग्रेस सांसद ने इजराइल यात्रा के दौरान बताया था कि उनका पासपोर्ट खो गया है और इससे ‘मूल्यवान विवरण का नुकसान’ हुआ है।
शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान से लौटने के बाद गोगोई 90 युवाओं को पाकिस्तानी दूतावास भी ले गए थे और उनमें से कई ने बाद में दावा किया कि उन्हें पहले नहीं बताया गया था कि उन्हें वहां ले जाया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के उद्देश्य से किया गया।’
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके परिवार में केवल गोगोई ही भारतीय नागरिक हैं और उन्होंने अपने दो बच्चों की भारतीय नागरिकता छोड़ दी है।
उन्होंने कहा, ‘जब हमें दस्तावेजी साक्ष्य मिल जाएंगे तो हम उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष प्रस्तुत करेंगे और जब मामला केंद्रीय एजेंसी को सौंप दिया जाएगा तो जांच के लिए अधिक गुंजाइश होगी।’
उन्होंने कहा, ‘असम सरकार के पास इस मामले पर सीमित अधिकार हैं और वह एक निश्चित बिंदु तक ही जांच कर सकती है।’
हालांकि गोगोई की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, लेकिन कांग्रेस नेता ने पूर्व में शर्मा पर अपने परिवार, पत्नी और बच्चों को इस मामले में घसीटकर राजनीति करने का आरोप लगाया था।
भाषा
शुभम पवनेश
पवनेश
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