नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार और सभी 36 राज्य एवं केंद्र-शासित प्रदेश मिलकर काम करें तो ‘पीएम गति शक्ति’ के तहत जिस मल्टीमॉडल संपर्क की परिकल्पना की गई है, वह हासिल हो जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल 15 अगस्त को ‘पीएम गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टरप्लान’ पेश किया था। इसका मकसद एकीकृत योजना और बुनियादी ढांचा संपर्क परियोजनाओं के समन्वित कार्यान्वयन के जरिये मल्टी-मॉडल संपर्क विकसित करना है। योजना में रेल और सड़क परिवहन मंत्रालय सहित 16 केंद्रीय मंत्रालयों को शामिल किया गया है।
सिंधिया ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘गति शक्ति कोई योजना नहीं है, बल्कि एक पहल है, एक आधारशिला है। लेकिन अगर मैं कहूं कि यह एक ‘ब्रह्मास्त्र’ है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।’
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि यह एक ‘ब्रह्मास्त्र’ है, जो भारत को उस मंजिल तक ले जाएगा, जिसका सपना देश के पूर्वजों ने देखा था।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देश के मौजूदा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 12 से 13 प्रतिशत हिस्सा आपूर्ति श्रृंखला पर खर्च होता है।
सिंधिया ने आगे कहा, ‘एक परिवार तब खुशहाल होता है, जब उसका हर सदस्य अपने कर्तव्यों का पालन करता है। इसी तरह, गतिशक्ति के तहत 16 मंत्रालयों को एक साथ जोड़ा गया है, ताकि प्रत्येक मंत्रालय अपनी जिम्मेदारियों पर खरा उतर सके और लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संसाधनों का विवेकपूर्ण इस्तेमाल कर सके।
उड्डयन मंत्री ने दावा किया कि राष्ट्रीय मास्टरप्लान का लोगों की जिंदगी पर बहुआयामी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश के शब्दकोष में ‘गति’ और ‘शक्ति’ जैसे शब्द 70 साल बाद जोड़े गए हैं।
सिंधिया ने कहा कि बीते सौ वर्षों में मल्टी-मॉडल संपर्क के विकास में किए गए निवेश ने अमेरिका को महाशक्ति में बदल दिया।
उन्होंने कहा, ‘अगर हम सभी 36 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को समन्वित रूप से साथ काम करने के लिए एकजुट कर लें, ताकि जरूरी अनुमति प्राप्त करने में कोई देरी न हो तो हम संपर्क के इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगे।’
भाषा पारुल रंजन
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