रांची: झारखंड के खूंटी जिले में एक नाबालिग (15 वर्ष) के साथ तीस बार से अधिक गैंगरेप का मामला सामने आया है. नाबालिग का आरोप है कि 10-12 लड़कों ने तीन महीने में 25-30 बार रेप किया है. बीते 24 फरवरी को जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) की पारा लीगल वॉलेंटियर खुशबू खातून ने पीड़िता को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने पेश किया. जिसके बाद मामला सामने आया.
पीड़िता पांचवी कक्षा तक पढ़ी है. खूंटी के चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडबल्यूसी) दिए बयान के मुताबिक, ‘घटना की तारीख उसे याद नहीं है. धान कटाई का समय था. उस दौरान वह खूंटी बाजार गई थी. वहीं पर बजरंग नाम के लड़के से बातचीत हुई और फिर दोस्ती. उसके साथ सूरज नाम का लड़का भी था. दोनों बगडू गांव का रहनेवाला है. बातचीत के बाद दोनों उसे बाइक पर बिठा कर सिंबुकेल गांव लेकर गया. वहां दोनों ने हड़िया पी (ताड़ी) और उसका मोबाइल ले लिया. फिर उसे बाजार लाकर छोड़ दिया.’
‘इसके बाद जब वह दूसरे के फोन से बजरंग को फोन कर अपना मोबाइल वापस मांगने के लिए फोन करती तो वह उसे बुलाकर किसी सुनसान जगह पर ले जाता और फिर रेप करता. हर बार उसके साथ कई और लड़के रहते थे. दस से 12 लड़कों ने उसके साथ दरिंदगी की. विरोध करने पर वह बंदूक दिखा कर जान से मारने की धमकी देता था. यह सिलसिला तीन महीने तक चलता रहा.’
अलग हो चुके हैं माता-पिता, दोनों ने कर ली है शादी
उसने यह भी बताया कि उसके माता-पिता दोनों अलग हो चुके हैं. दोनों ने ही शादी कर ली है. कुछ दिन वह अपनी मां के पास रही. लेकिन वहां उसके साथ काफी मारपीट हुई. इसके बाद वह अपने नानी के घर आ गई. यहां भी उसकी मां ने नानी को धकमी दिया. इसके बाद नाना-नानी ने उसके साथ गलत व्यवहार करना शुरू कर दिया. इसी से तंग आकर वह घर से निकल गई. इसी दौरान वह खूंटी बाजार गई, जहां उसकी दोस्ती बजरंग नाम के लड़के से हुई.
आरोपियों में बजरंग और सूरज के अलावा मनीष, मुदी और सिगिन का नाम उसने बताया है. साथ ही यह भी कहा है कि, ‘अन्य आरोपियों को वह चेहरे से पहचान लेगी.’
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इधर खुशबू खातून ने बताया कि, ’22 फरवरी को वह खूंटी सिविल कोर्ट में सीढ़ियों पर बैठी मिली थी. उन्हें देखते ही कहा कि दीदी मुझे कोई काम दे दीजिए. मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है. जब उसकी काउंसिलिंग की गई तो मेरा दिमाग ही सन्न रह गया.’
खुशबू के मुताबिक, ‘उनके साथ वकील मिलन कुमार भी थे. दोनों ने मिलकर पहले उसका मेडिकल टेस्ट कराया. एचआईवी जांच कराया. आशंका है कि नाबालिग गर्भवती हो चुकी है. फिलहाल बच्ची को खूंटी के ही सहयोग विलेज में रखा गया है.’ उन्होंने यह भी बताया कि बच्ची के नाना-नानी इतने गरीब हैं कि वह एक समय का भोजन भी खुद के लिए इंतजाम नहीं कर सकते हैं. शायद यही वजह है कि इस बच्ची को बार-बार घर से भागने के लिए वह कहते थे.
छह आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी
जिले के एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि, ‘एक मार्च को छह आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. अन्य को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी चल रही है. उम्मीद है एक से दो दिन में वह भी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे. फिलहाल जिनको गिरफ्तार किया गया है, उन्हें जेल भेज दिया गया है. बच्ची का मेडिकल करा लिया गया है.’
खूंटी सीडबल्यूसी के सदस्य बैजनाथ कुमार ने बताया कि, ‘पीड़िता को राज्य सरकार से 50,000 रुपया मुआवजा के तौर पर मिलने हैं. साथ ही इसने आगे पढ़ने की इच्छा जाहिर की है. इसे जिले के कस्तूरबा बालिका विद्यालय में दाखिल करवाया जाएगा.’
वहीं तीन माह पहले नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (एनयूएसआरएल) की छात्रा के साथ 12 लड़कों ने गैंगरेप किया था. मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई और 30 दिन के अंदर फैसला आया. सभी आरोपियों को दोषी पाया गया है और उन्हें उम्र कैद की सजा दी गई है. रांची की अदालत की सजा सुनाते हुए कहा है, ‘अंतिम सांस तक जेल के सलाख़ों के पीछे रहेंगे दोषी.’
कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य के डीजीपी केएन चौबे ने पुलिस प्रशासन के कार्य की सराहना की. उन्होंने कहा कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही काफी सक्रियता के साथ कार्रवाई की. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने से लेकर कोर्ट में सबूत पेश करने तक काफी सराहनीय कार्य किया. जिसका नतीजा आज सबके सामने हैं. साथ ही डीजीपी ने पीड़िता की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि पीड़िता ने काफी हिम्मत का परिचय देते हुए घटना दर्ज कराई. कानून के अनुसार आरोपियों की पहचान की. जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की और आज सभी आरोपियों को कोर्ट ने सजा सुनाई.’
साल 2014 से अब तक 7,488 रेप के मामले हुए हैं राज्य में दर्ज
झारखंड पुलिस की वेबसाइट के मुताबिक जनवरी 2018 से दिसंबर 2019 तक राज्य में 2,938 रेप की घटनाएं दर्ज कराई गई हैं. वहीं महिलाओं के लिए काम कर रही संस्था आली की झारखंड प्रमुख रेशमा के मुताबिक साल 2014 से 2017 तक झारखंड में कुल 4,550 रेप केस दर्ज किए गए थे. यह आंकड़ा उन्होंने झारखंड सीआईडी से प्राप्त किया था. इस लिहाज से देखें तो साल 2014 से 2019 तक कुल 7,488 मामले दर्ज कराए गए हैं. एनसीआरबी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक रेप के कुल मामलों में 94 प्रतिशत मामलों में पीड़िता के जाननेवाले ही ऐसा करते रहे हैं.
वहीं बीते साल अक्टूबर में नेशनल क्राइम ब्यूरो की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 में देशभर में रेप के मामलों में 7.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं साल 2018 में पूरे देश में कुल 34,000 रेप के मामले दर्ज किए गए हैं. यानी हर 15 मिनट पर एक महिला का रेप हो रहा है. इसमें 85 प्रतिशत मामले में लोगों को आरोपित बनाया गया. लेकिन मात्र 27 प्रतिशत मामलों में ही सजा हो पाई.
रेप के मामलों में पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए वन स्टॉप सेंटर की स्थापना की गई है. झारखंड के सभी 24 जिलों में केंद्र बना हुआ है. वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक सभी केंद्र का पता और मोबाइल नंबर भी दर्ज हैं. खूंटी के लिए जो मोबाइल नंबर दर्ज है, वहां बात करने पर गुमला में रिसीव होता है.
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं )