हैदराबाद, 31 अक्टूबर (भाषा) क्रिकेट की पिच पर ‘कलाई के जादूगर’ रहे मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अपनी सियासी पारी की शुरुआत मुरादाबाद में लोकसभा चुनाव में जीत के साथ की थी और कई उतार-चढ़ाव के बावजूद वह ‘नॉट आउट’ बने हुए हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अजहरुद्दीन ने तेलंगाना में शुक्रवार को मंत्री पद की शपथ ली।
उनका क्रिकेट करियर उस वक्त अचानक खत्म हो गया, जब 2000 में उनका नाम ‘मैच फिक्सिंग’ प्रकरण से जुड़ा था और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने उनपर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि, 2012 में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस प्रतिबंध को अवैध घोषित कर दिया।
अजहरुद्दीन ने 2009 में अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत की, कांग्रेस में शामिल हुए और उसी वर्ष उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से लोकसभा चुनाव जीता।
बाद में, उन्होंने 2014 में राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा।
उन्हें 30 नवंबर 2018 को तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
हैदराबाद के रहने वाले पूर्व क्रिकेटर ने 2019 का लोकसभा चुनाव तेलंगाना के सिकंदराबाद निर्वाचन क्षेत्र से लड़ना चाहा था, लेकिन उन्हें यह मौका नहीं मिला।
अजहरुद्दीन ने 2023 में जुबली हिल्स सीट से तेलंगाना विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके थे।
अगस्त के आखिरी हफ्ते में तेलंगाना सरकार ने उन्हें राज्यपाल कोटे से विधानपरिषद सदस्य (एमएलसी) मनोनीत किया। हालांकि, राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने उनके मनोनयन को अब तक मंज़ूरी नहीं दी है।
भाषा सुभाष पवनेश
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