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Wednesday, 12 November, 2025
होमदेश‘इंडियन प्रीडेटर्स’ से लेकर शरीयत तक: J&K के उन पोस्टर्स में क्या था जो ब्लास्ट की चेतावनी साबित हुए

‘इंडियन प्रीडेटर्स’ से लेकर शरीयत तक: J&K के उन पोस्टर्स में क्या था जो ब्लास्ट की चेतावनी साबित हुए

ये पोस्टर्स, जिन पर ‘कमांडर हंज़ला भाई’ का नाम था, श्रीनगर के बुनपोरा नौगाम इलाके में दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके से करीब एक महीने पहले लगे थे.

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नई दिल्ली: श्रीनगर के बुनपोरा नौगाम इलाके में अक्टूबर महीने में मिले जैश-ए-मोहम्मद की तारीफ वाले पोस्टर्स अब दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच का अहम हिस्सा बन गए हैं. इन पोस्टर्स में “भारतीय दुश्मनों” को पनाह देने और शरीयत के खिलाफ काम करने वालों को चेतावनी दी गई थी.

पोस्टर में लिखा था, “कुछ लोग इन भारतीय दुश्मनों को अपनी दुकानों में जगह देते हैं, जिससे हमारा काम रुकता है. इसलिए हम उन लोगों से खुले तौर पर कहना चाहते हैं — ऐसा करना बंद करो, नहीं तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.”

इन पोस्टर्स पर ‘कमांडर हंज़ला भाई’ के नाम से 17 अक्टूबर की तारीख लिखी थी.

इन्हीं पोस्टर्स से जम्मू-कश्मीर पुलिस को पहला बड़ा सुराग मिला. पुलिस ने जांच शुरू की और शोपियां से तीन ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) और एक मौलवी को गिरफ्तार किया. इन गिरफ्तारियों और बाद की छापेमारियों से उस साजिश का पर्दाफाश हुआ, जिसके पीछे वही लोग थे जिनकी वजह से सोमवार शाम दिल्ली में धमाका हुआ.

दिप्रिंट ने रिपोर्ट की थी कि 19 अक्टूबर की सुबह श्रीनगर के बाहरी इलाके में स्थानीय पुलिस को जैश-ए-मोहम्मद की तारीफ करने और “बदले की कार्रवाई” की धमकी देने वाले ये पोस्टर्स मिले थे.

मौलवी इरफान अहमद से पूछताछ के बाद जांचकर्ताओं को फरीदाबाद में रहने वाले मुज़म्मिल शकील का सुराग मिला. इसके बाद अदील अहमद राठर और शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी हुई. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अल-कायदा की जम्मू-कश्मीर आधारित इकाई अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़ा है.

पोस्टर में लिखा था, “उम्मीद है आप सब खैरियत से होंगे. जो कुछ भी हमने आपको अब तक बताया है, उस पर अमल करें. हमने लंबे अर्से से देखा है कि आप लोग अब भी गुनाहों में लगे हैं. हम बस इतना कहना चाहते हैं — शरीयत के खिलाफ काम करना बंद करें, वरना शरीयत के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.”

एक और हिस्से में लिखा था, “कुछ लोग इन कामों में लगे लोगों की मदद करते हैं — हम उन्हें भी कहना चाहते हैं, ये आखिरी चेतावनी है. अब आप माफी के हकदार नहीं रहेंगे और इंशाअल्लाह जब वक्त आएगा, तो वो अपनी जान देने के लिए तैयार होंगे.”

इसमें बुनपोरा इलाके के उन लोगों को भी धमकी दी गई थी “जो अपनी दुकानों में भारतीय दुश्मनों को बैठाते हैं.”

सोमवार शाम, उमर नबी नाम का शख्स, जो फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल स्कूल में काम करता था, कथित तौर पर एक सफेद i20 कार चला रहा था, जो लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास धमाके में उड़ गई. धमाके से कुछ घंटे पहले, जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस ने फरीदाबाद में अल-फलाह कॉलेज में काम कर रहे शकील के ठिकाने पर छापा मारा और करीब 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद की, जिसमें 353 किलो अमोनियम नाइट्रेट शामिल था.

जांचकर्ताओं को शक है कि सोमवार के घातक धमाके में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल हुआ. वो ये भी जांच कर रहे हैं कि यह धमाका आत्मघाती था या गलती से हुआ. अब तक मौत का आंकड़ा 13 तक पहुंच चुका है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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