देहरादून/नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में शनिवार तड़के सिलसिलेवार तरीके से बादल फटने की घटनाओं में चार लोगों की मौत गई जबकि 10 लोग लापता हो गए। वहीं राज्य में कई नदियां उफान पर हैं, जिसके कारण पुल बह गए हैं।
टिहरी जिले के ग्वाद गांव में मूसलाधार बारिश ने दो घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे सात लोग मलबे में दब गए।
टिहरी के जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि मलबे से दो शव बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि कोठार गांव में मलबे में दबने से दम घुटने पर एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई।
पौड़ी जिले के बिनाक गांव में एक घर ढह गया जिससे 70 वर्षीय दर्शनी देवी की मौत हो गई।
आपदा नियंत्रण कक्ष ने बताया कि ग्रामीणों ने महिला का शव बरामद कर लिया है। पौड़ी जिले के लगभग 13 गांवों में अत्यधिक बारिश के कारण प्रशासन ने सभी आंगनवाड़ी केंद्रों और स्कूलों को बंद कर दिया है।
राज्य के आपातकालीन अभियान केंद्र ने यहां बताया कि देहरादून जिले के भैंसवाड़ गांव में भारी बारिश से एक घर और एक दुकान क्षतिग्रस्त हो गई, जबकि तीन लोग घायल हो गए। पांच लोग लापता हैं।
अधिकारियों ने बताया कि टोंस नदी के किनारे स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर टपकेश्वर महादेव की गुफाओं में भी पानी भर गया।
अधिकारियों के मुताबिक, रायपुर इलाके के सारखेत गांव में शुक्रवार देर रात करीब सवा दो बजे बादल फटा। उन्होंने बताया कि सोंग नदी पर बना एक पुल बह गया और मसूरी के पास स्थित लोकप्रिय पर्यटन स्थल केम्प्टी फॉल्स में भी पानी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने थानो के निकट प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और अधिकारियों को वाहनों की आवाजाही बहाल करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। आपदा राहत दल प्रभावित इलाकों में पहले से ही काम कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर सेना की मदद भी ली जा सकती है।’’
धामी के साथ रायपुर से विधायक उमेश शर्मा काऊ और गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार भी मौजूद थे।
मसूरी से विधायक गणेश जोशी और देहरादून की जिलाधिकारी सोनिका ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया।
टिहरी जिले के कीर्तिनगर इलाके में एक मकान में मलबा घुस जाने से 80 वर्षीय एक महिला उसमें फंस गई।
बादल फटने के बाद 12 से अधिक गांवों के घरों में गाद घरों में घुस गया, जिसके बाद राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) को प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा।
अधिकारियों ने बताया कि बादल फटने के कारण मालदेवता, भुत्सी, तौलियाकताल, थाट्युद, लावरखा, रिंगालगढ़, धुट्टू, रगड़ गांव और सारखेत समेत कई गांव प्रभावित हुए हैं।
धनोल्टी के उप-मंडलीय मजिस्ट्रेट लक्ष्मी राज चौहान ने बताया कि प्रभावित निवासियों को स्कूलों और पंचायत भवनों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
चौहान के अनुसार, रायपुर-कुमाल्डा मोटर मार्ग कई स्थानों पर मलबे के कारण अवरुद्ध हो गया है।
उन्होंने बताया कि ऋषिकेश-बद्रीनाथ राजमार्ग तोताघाटी में, ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग नागणी में और नरेंद्रनगर-रानीपोखरी मोटर मार्ग कई स्थलों पर अवरुद्ध है।
भाषा जोहेब माधव
माधव
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