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Friday, 25 July, 2025
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तमिलनाडु में बांग्ला बोलने पर चार प्रवासी मजदूरों से मारपीट का आरोप

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कोलकाता, 25 जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के चार प्रवासी मजदूरों ने आरोप लगाया है कि तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले में इस महीने की शुरुआत में स्थानीय लोगों ने उन्हें बांग्ला बोलने पर बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासी समझकर पीटा।

मुर्शिदाबाद में 18 जुलाई को दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, घटना 15 जुलाई को हुई जब सुजान शेख, उनके भाई मिलन शेख, साहिल शेख और बाबू शेख नामक मजदूर तिरुवल्लूर के एक निर्माण स्थल पर काम कर रहे थे।

सुजान शेख ने मुर्शिदाबाद स्थित अपने घर से ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया, ‘कुछ स्थानीय निवासियों ने हमारा विरोध किया, हमारे नाम और हम कहां से हैं, यह पूछा। जब उन्होंने हमें बांग्ला में बात करते सुना तो उन्होंने हमें लोहे की छड़ और डंडे से पीटना शुरू कर दिया। वे हम पर बांग्लादेशी होने का आरोप लगाते रहे।’

मजदूरों को पहले तिरुवल्लूर के एक सरकारी अस्पताल ले जाया गया। कथित हमले में सुजान का हाथ टूट गया था और उन्हें सर्जरी करानी पड़ी और वह अभी भी चिकित्सा टीम की देखरेख में हैं।

मजदूरों ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने पहले चेन्नई में स्थानीय पुलिस से संपर्क किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

सुजान ने कहा, “हम पिछले चार सालों से चेन्नई में काम करने के लिए जा रहे हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ।”

उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें 11 दिन की मजदूरी भी नहीं दी गई।

मुर्शिदाबाद पुलिस ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है और बताया कि तमिलनाडु पुलिस से संपर्क किया गया है।

यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब राज्य में बंगाली प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो गई है।

हाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हरियाणा, राजस्थान और ओडिशा में बंगालियों पर भाषाई भेदभाव और उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इन आरोपों को “बेबुनियाद और डर फैलाने वाला” करार दिया है, लेकिन ताजा मामला फिर इस मुद्दे को चर्चा में ले आया है।

भाषा राखी माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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