नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में रविवार सुबह एक अवैध पटाखा फैक्टरी में हुए विस्फोट में चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. पुलिस ने यह जानकारी दी.
#WATCH | West Bengal: Several people feared dead in an explosion at the Illegal crackers factory in Duttapukur. A rescue operation is underway. The injured are being taken to Barasat Hospital for treatment: Duttapukur Police sources pic.twitter.com/YzKW7cU8gM
— ANI (@ANI) August 27, 2023
पुलिस ने बताया कि विस्फोट उस समय हुआ, जब कोलकाता से लगभग 30 किलोमीटर उत्तर में दत्तापुकुर थाना क्षेत्र में नीलगंज के मोशपोल इलाके में कई लोग पटाखा फैक्टरी में काम कर रहे थे. घायलों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
उसने बताया कि विस्फोट का प्रभाव इतना जोरदार था कि जहां फैक्टरी चल रही थी वह तो मलबे के ढेर में तब्दील हो ही गया, बल्कि आसपास के कुछ घर भी क्षतिग्रस्त हो गये.
पुलिस ने बताया कि उन्हें संदेह है कि कई लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं.
पुलिस बताया कि इलाके में बचाव और राहत कार्य चल रहा है और अग्निशमन कर्मी विस्फोट के परिणामस्वरूप लगी आग को बुझाने के लिए काम कर रहे हैं.
उसने बताया कि पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी भी मौके पर मौजूद है.
मई में पूर्व मेदिनीपुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्टरी में इसी तरह के विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई थी.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य बारूद के भंडार में तब्दील हो गया है.
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया, ‘पुलिस द्वारा अवैध गतिविधियों की कोई निगरानी नहीं की जा रही है। इन पटाखा फैक्टरी को स्थानीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं का संरक्षण प्राप्त है.’
टीएमसी के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने बताया कि राज्य सरकार ने एक एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया है, जिसने पिछले कुछ महीनों में ऐसी कई अवैध पटाखा फैक्टरी का भंडाफोड़ किया है.
उन्होंने कहा, ‘अगर कुछ इकाइयां अभी भी अवैध रूप से चल रही हैं, तब उन्हें भी जल्द ही नष्ट कर दिया जाएगा.’
सेन ने कहा कि कई बार ऐसी पटाखा फैक्टरी के खिलाफ कार्रवाई से स्थानीय लोगों का गुस्सा भी भड़क जाता है क्योंकि हजारों लोग आजीविका के लिए इन पर निर्भर होते हैं। ‘लेकिन हम अवैध पटाखों के खतरे को खत्म करने के लिए दृढ़ हैं.’
विस्फोट के बाद स्थानीय लोगों ने दत्तापुकुर फैक्टरी के मालिकों में से एक के घर में तोड़फोड़ की.
पटाखा निर्माताओं के संगठन ‘सारा बांग्ला आतश बाजी उन्नयन समिति’ के अध्यक्ष बबला रॉय ने कहा कि अवैध फैक्टरी में प्रतिबंधित हाई-डेसीबल ‘चॉकलेट बम’ या पटाखे बनाए जा रहे थे.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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