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Friday, 18 October, 2024
होमदेशभाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाला जम्मू कश्मीर का पूर्व सरपंच एनआईए द्वारा 'आतंकी लिंक’ के लिए गिरफ्तार किया गया

भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाला जम्मू कश्मीर का पूर्व सरपंच एनआईए द्वारा ‘आतंकी लिंक’ के लिए गिरफ्तार किया गया

हालांकि, उसने एक व्यापारी होने का दावा किया है. तारिक अहमद मीर के चुनावी हलफनामे में कहा है कि उनके पास न पैसा है, न जमीन है, न ही कोई चल-अचल संपत्ति है.

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले के एक पूर्व सरपंच को डीएसपी दविंदर सिंह मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया. उसने 2014 के विधानसभा चुनाव में दक्षिण कश्मीर के वांची से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था.

एनआईए के सूत्रों के अनुसार, 30 साल का तारिक अहमद मीर आर्म्स डीलर था और हिजबुल मुजाहिदीन और अन्य आतंकवादी संगठनों को नियमित आधार पर गोला बारूद की आपूर्ति कर रहा था.

मीर के चुनावी हलफनामे ने ईमेल आईडी BJP।watch।Tariq121@gmail।com के रूप में सूचीबद्ध किया है और कहा कि वह शोपियां का निवासी है. हलफनामे में यह भी कहा गया है कि उस पर कभी कोई अपराध का मामला नहीं है और उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है.

हालांकि, दिलचस्प है मीर ने अपने हलफनामे में एक व्यापारी होने का दावा किया. कॉलम में अंतिम आयकर रिटर्न और आय का विवरण में ‘निल’ लिखा है.

उसने यह भी उल्लेख किया कि उसने निवेश, ऋण, चल संपत्ति, नकदी, कोई कार या कोई अन्य वाहन, कोई आभूषण, कोई जमीन या कृषि या वाणिज्यिक भूमि और कोई विरासत में मिली संपत्ति नहीं. उसने सिर्फ एक संपत्ति का उल्लेख किया, जहां वह अपने पिता के नाम पर रहता है.

हलफनामे में उसने जम्मू-कश्मीर बैंक से लिए गए 7 लाख रुपये के ‘बैंक ऋण’ का भी उल्लेख किया, लेकिन अपनी देनदारियों को 3 लाख रुपये के रूप में दिखाया.

एनआईए के एक सूत्र ने कहा, ‘वह एक व्यापारी होने का दावा करता है, लेकिन उसके पास कोई संपत्ति नहीं है. कोई नकदी नहीं है, कोई जमीन नहीं है, कोई आईटी रिटर्न नहीं है. वह यह भी नहीं बताता कि वह किस तरह का व्यवसाय चलाता है. यह सब बहुत संदिग्ध है.’

मीर का हिज़बुल लिंक

मीर कुछ साल से एनआईए के रडार पर था. इस साल जनवरी में एक कार में जम्मू-कश्मीर के डीएसपी दविंदर सिंह के साथ यात्रा करते हुए पकड़े गए हिजबुल आतंकी नवीद मुश्ताक शाह से पूछताछ के दौरान उसका नाम सामने आया था. सिंह को शाह और एक अन्य हिजबुल आतंकवादी रफी अहमद राथर और वकील इरफान शफी के साथ कुलगाम में 11 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, जब वे जम्मू जा रहे थे.

एक सूत्र के अनुसार, एनआईए को पता चला कि नवीद और मीर एक-दूसरे के साथ नियमित संपर्क में थे और कैसे दविंदर सिंह ने हथियारों के रैकेट को आसान बनाने में भूमिका निभाई. सूत्र ने कहा कि एनआईए ने ‘मजबूत लिंक’ पाया है कि मीर हिज़बुल नेटवर्क में शामिल था.

उन्होंने ने कहा, ‘वह हिजबुल के गुर्गों को हथियारों की तस्करी कर हथियार मुहैया कराता था. हम उसे छह दिनों के लिए रिमांड पर ले गए हैं और अब जांच कर रहे हैं कि उसने हथियारों की खरीद कैसे की, उसे पैसे कहां से मिले, किसने सभी को हथियार सप्लाई किए. हमें शक है कि वह सालों से इस धंधे में था.’

हम यह भी जांच करेंगे कि क्या मीर दविंदर सिंह के संपर्क में था और उसने मीर को पैसों के बदले में हथियारों की खेप एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए एक सुरक्षित मार्ग दिया था. सूत्रों ने कहा कि हम मीर और सिंह दोनों के बैंक खाते का विवरण भी देख रहे हैं कि क्या उनका कोई सीधा लेन-देन था.

केस दविंदर सिंह से आगे निकल गया है

सूत्र ने कहा कि इस मामले में जांच डीएसपी दविंदर सिंह की भूमिका से परे है. सूत्र ने कहा कि डीएसपी दविंदर सिंह इस पूरे मामले में सिर्फ एक आरोपी है. हिजबुल आतंकवादी भी पकड़े गए हैं और हम अब उनके व्यापक नेटवर्क को देख रहे हैं. सिंह ने पैसे के बदले में मूवमेंट की सुविधा दी, लेकिन हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि ये हिजबुल आतंकवादी कश्मीर कैसे पहुंचे, जिन्होंने उन्हें भेजा, उनकी बड़ी योजनाएं, लक्ष्य क्या थे. हमें गिरफ्तार किये गए हिजबुल आतंकवादी से कुछ सूचना मिली हैं और हम उन पर काम कर रहे हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )

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