तिरुवनंतपुरम, छह नवंबर (भाषा) सबरीमला मंदिर से सोने की चोरी की जांच कर रही एसआईटी ने बृहस्पतिवार को पूर्व तिरुवभरणम (पवित्र आभूषण) आयुक्त के. एस बैजू को गिरफ्तार कर लिया।
बैजू सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वह उस वक्त तिरुवभरणम आयुक्त के रूप में कार्यरत थे, जब जुलाई 2019 में द्वारपालक (संरक्षक देवता) की मूर्तियों के सोने की परत वाले आवरण को हटाकर इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए ले जाया गया था।
सूत्रों के अनुसार, बैजू 19 और 20 जुलाई को छुट्टी पर थे, जब द्वारपालक की मूर्तियों को सबरीमाला से हटाकर मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को सौंप दिया गया था, जिन्होंने इलेक्ट्रोप्लेटिंग को प्रायोजित किया था।
पुलिस ने कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) को संदेह है कि उक्त अवधि के दौरान बैजू की अनुपस्थिति एक साजिश का हिस्सा है।
एसआईटी का कहना है कि प्रक्रिया की निगरानी करने में बैजू की विफलता के कारण कथित तौर पर प्रक्रियागत खामियां हुईं, जिसके परिणामस्वरूप सोना चोरी हो गया।
एक अधिकारी ने बताया कि मामले में बैजू को समन जारी होने के बाद बृहस्पतिवार दोपहर पूछताछ के लिए तिरुवनंतपुरम स्थित अपराध शाखा कार्यालय में पेश होना पड़ा।
सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के बाद, एसआईटी ने शाम को उनकी गिरफ्तारी की।
उन्हें शुक्रवार को पथानामथिट्टा जिले के रन्नी स्थित न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जाएगा।
मुरारी बाबू और सुधीश कुमार के बाद, बैजू इस मामले में गिरफ्तार होने वाले त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) के तीसरे अधिकारी हैं।
अदालत शुक्रवार को बाबू और कुमार की हिरासत की मांग करने वाली एसआईटी की याचिका पर भी विचार करेगी।
भाषा तान्या सुभाष
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