scorecardresearch
शनिवार, 5 जुलाई, 2025
होमदेशपीटीआई के पूर्व पत्रकार सुजीत चटर्जी का निधन

पीटीआई के पूर्व पत्रकार सुजीत चटर्जी का निधन

Text Size:

नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के लिए चार दशकों तक सेवाएं देने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुजीत चटर्जी का संक्षिप्त बीमारी के बाद यहां निधन हो गया।

वह 65 वर्ष के थे।

चटर्जी ने मंगलवार रात यहां पीएसआरआई मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां उनका निमोनिया का इलाज चल रहा था। उनके परिवार में उनकी मां, पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं।

वर्ष 2018 में ‘सीनियर एसोसिएट एडिटर’ के पद से सेवानिवृत्त होने से पहले उन्होंने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के दिल्ली स्थित मुख्यालय में ब्यूरो प्रमुख के रूप में भी काम किया था।

राष्ट्रीय ब्यूरो में एक विशेष संवाददाता के रूप में चटर्जी ने गृह और रक्षा मंत्रालयों सहित कई विभागों को कवर किया था। उन्होंने शीर्ष अदालत की कार्यवाहियों की भी रिपोर्टिंग की थी। वह दिल्ली में 1982 के एशियाई खेलों को कवर करने वाली टीम का हिस्सा थे।

अच्छे संपर्क और विश्वसनीयता रखने वाले चटर्जी संसदीय कार्यवाही कवर करने वाली ‘पीटीआई’ की टीम का भी हिस्सा रहे। उन्होंने विदेश में कई असाइनमेंट किये और प्रधानमंत्री के साथ विदेश दौरे पर भी गये।

चटर्जी का अंतिम संस्कार बुधवार को ग्रीन पार्क स्थित विद्युत शवदाह गृह में किया गया, जहां बड़ी संख्या में पत्रकार और उनके मित्र मौजूद थे।

दिल्ली स्थित पीटीआई न्यूज़ रूम में चटर्जी की याद में एक मिनट का मौन रखा गया।

पीटीआई के सीईओ और प्रधान संपादक विजय जोशी ने चटर्जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह न केवल उनके परिवार, बल्कि पीटीआई परिवार के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है।

जोशी ने एक शोक संदेश में कहा, ‘‘ऐसा महसूस हो रहा है जैसे मैंने एक भाई खो दिया है। हम न केवल सहकर्मी थे, बल्कि दोस्त भी थे। पीटीआई में युवाओं का मार्गदर्शन करने के लिए मैं हमेशा उन पर भरोसा कर सकता था। जिस दयालुता के साथ उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ व्यवहार किया उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘चटर्जी की मधुर आवाज़ को पीटीआई न्यूज़ रूम में याद किया जाता रहेगा। उनका निधन न केवल उनके परिवार, बल्कि पीटीआई परिवार के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है।’

चटर्जी ने 1980 में पीटीआई के दिल्ली मुख्यालय में ‘सेंट्रल न्यूज़ डेस्क’ पर अपनी सेवा शुरू की थी।

वह पीटीआई की उस तीन-सदस्यीय टीम का हिस्सा थे, जिसने इंदिरा गांधी हत्याकांड की 1985 में तिहाड़ जेल परिसर के अंदर हुई ऐतिहासिक सुनवाई को कवर किया था। टीम के अन्य सदस्य जी सुधाकर नायर और एम शकील अहमद थे। नायर वर्तमान में पीटीआई के कार्यकारी संपादक हैं।

नायर ने 23 जनवरी 1986 के फैसले के दिन को याद करते हुए कहा, ‘तीनों दोषियों को मौत की सजा की खबर देने के लिए हमने तिहाड़ जेल स्थित अदालत कक्ष से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्रोविजन स्टोर तक रिले दौड़ लगाई, क्योंकि वही सबसे नजदीक जगह थी, जहां लैंडलाइन फोन मौजूद था।’’

चटर्जी प्रोविजन स्टोर तक पहुंचने के लिए आखिरी पड़ाव पर दौड़े। स्टोर के मालिक को पहले ही बता दिया गया था कि वह चटर्जी को टेलीफोन उपलब्ध करा दे।

एक अन्य पूर्व सहकर्मी अमिता शाह ने कहा कि चटर्जी एक संपूर्ण पेशेवर व्यक्ति थे, जो युवाओं को भी प्रोत्साहित करते थे।

वर्ष 2018 में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद चटर्जी ने एएनआई और यूएनआई के साथ कुछ समय तक काम किया।

भाषा सुरेश माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments