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Wednesday, 16 July, 2025
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गढ़वा में एके-47 के साथ पूर्व नक्सली कमांडर और उसकी प्रेमिका गिरफ्तार

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गढ़वा, पांच जून (भाषा) झारखंड के गढ़वा जिले में पुलिस ने नक्सली भानु सिंह खरवार को एके 47 राइफल समेत उसकी प्रेमिका के साथ रविवार को गिरफ्तार कर लिया।

गढ़वा के पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार झा ने इस गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि पुलिस ने गिरफ्तार पूर्व सबजोनल कमांडर भानु सिंह खरवार और उसकी प्रेमिका वृंदा कुमारी के पास एक एके-47 राइफल, एक मैगजीन, 20 राउंड गोली, एक देसी कट्टा, सात मोबाइल फोन, एक डायरी (जिसमें लेवी मांगने वालों का नाम अंकित था) सहित अन्य सामग्री बरामद की है।

अंजनी कुमार झा ने बताया कि रंका, चिनिया, रमकंडा, चौनपुर में लगातार इस नक्सली की गतिविधि बढ़ रही थीं। उस पर अंकुश लगाने के लिए लगातार पुलिस उक्त इलाकों में उसके ठिकानों पर विशेष छापेमारी अभियान चला रही थी।

इसी बीच गुप्त सूचना के आधार पर रविवार को विशेष टीम गठित कर रंका थाना क्षेत्र के जून एवं करी के जंगल में छापेमारी की गई। इस दौरान भानु सिंह खरवार को जंगल में चारों तरफ से घेर कर जब पुलिस आगे बढ़ने लगी, तो भानु सिंह खरवार और उसकी प्रेमिका भागने लगी। लेकिन पुलिस ने उन्हें दौड़ाकर दबोच लिया।

उन्होंने बताया कि भानु सिंह खरवार पूर्व में भाकपा (माओवादी) का सबजोनल कमांडर रह चुका है। उसने एक अक्टूबर 2016 को आत्मसमर्पण नीति के तहत आत्मसमर्पण किया था।

आत्मसमर्पण के उपरांत वर्ष 2020 में वह जेल से बाहर आया था। जेल से निकलने के बाद एक बार फिर वह ग्रामीणों के बीच दहशत फैलाने का कार्य कर रहा था। इसके बाद वर्ष 2021 में उसे पुनः गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

करीब डेढ़ माह जेल में रहने के बाद जमानत पर जेल से बाहर निकलने के बाद एक बार फिर वह नक्सली संगठन को सक्रिय कर लड़कों को जोड़कर संगठन का विस्तार कर रहा था।

गढ़वा के रंका, रमकंडा, चिनिया में चल रहे विकास कार्यों की ठेकेदारों एवं स्थानीय लोगों से लेवी वसूलने का वह काम करता था। इस दौरान वह ठेकेदार व जनप्रतिनिधियों को डराने धमकाने का भी कार्य कर रहा था।

झा ने बताया कि भानु सिंह खरवार का आत्मसमर्पण से पहले और आत्मसमर्पण के बाद कई अपराधिक इतिहास रहा है। उन्होंने बताया कि भानु पर 10 मामले दर्ज हैं।

झा ने बताया कि भानु जेल से छूटने के बाद संगठन को तेजी से बढ़ाना चाहता था। उसके लिए युवक-युवतियों को बहला-फुसलाकर संगठन से जोड़ रहा था।

भाषा, संवाद, इन्दु

संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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