नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने मंगलवार को मांग की कि केंद्र सरकार 1975 में बम हमले में मारे गए केंद्रीय मंत्री ललित नारायण मिश्रा के मामले की एसआईटी जांच का अविलंब आदेश दे क्योंकि पूर्व की जांच न्याय सुनिश्चित करने में ‘‘विफल’’ रही है।
इस सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो दिवसीय बिहार दौरे के मद्देनजर चौबे ने कहा कि वह इस मुद्दे को उठाने के लिए उनसे मिलना चाहेंगे, क्योंकि इस मामले ने राज्य और ब्राह्मण समुदाय को आंदोलित कर रखा है।
मिश्रा के पोते और वकील वैभव मिश्रा मामले को फिर से खोलने के लिए कानूनी रास्ता तलाश रहे हैं। वैभव के साथ मौजूद बिहार के भाजपा नेता चौबे ने आरोप लगाया कि मिश्रा की बढ़ती लोकप्रियता के कारण उनकी हत्या के पीछे कांग्रेस के तत्कालीन शीर्ष नेताओं का हाथ था।
चौबे ने दावा किया कि मिश्रा लोकप्रिय रेल मंत्री थे और जेपी (जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हुए) आंदोलन के कारण वह तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ मुखर हो गए होंगे।
पूर्व मंत्री चौबे को एक मुखर नेता के रूप में देखा जाता है और उन्होंने कई बार अपने विचारों से सत्तारूढ़ भाजपा को असहज किया है, खासकर 2024 में लोकसभा चुनाव के टिकट से वंचित होने के बाद।
उन्होंने न्यायमूर्ति वी एम तारकुंडे आयोग और बिहार पुलिस सीआईडी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इनमें मिश्रा की हत्या के पीछे एक बड़ी राजनीतिक साजिश की बात कही गई है।
चौबे ने कहा, ‘‘वह (ललित नारायण मिश्रा) बिहार की महान विभूति थे। बिहार के लोगों को न्याय से वंचित नहीं किया जाना चाहिए और सरकार को बिना किसी देरी के एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन करना चाहिए।’’ उन्होंने यह भी कहा कि हत्या मामले में आनंद मार्ग संप्रदाय के अनुयायियों को फंसाया गया।
उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि मिश्रा की हत्या को 50 साल से भी अधिक समय हो चुके हैं, इसलिए अब बहुत देर हो चुकी है। चौबे ने कहा कि सुभाषचंद्र बोस की संदिग्ध मौत और 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच घटना के काफी बाद की गई। उन्होंने कहा कि मिश्रा को भी भारत रत्न दिया जाना चाहिए।
ललित नारायण मिश्रा 51 वर्ष की आयु में अपनी असामयिक मृत्यु से पहले कद्दावर नेता थे। उनके छोटे भाई जगन्नाथ मिश्रा ने उनकी राजनीतिक विरासत संभाली और राज्य के मुख्यमंत्री बने।
भाषा आशीष अविनाश
अविनाश
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