कन्नूर (केरल), 15 मई (भाषा) कांग्रेस की केरल इकाई के नये अध्यक्ष की नियुक्ति के कुछ दिनों बाद, केपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष के. सुधाकरन ने बृहस्पतिवार को पार्टी द्वारा उन्हें बदले जाने के तरीके पर आपत्ति जताई।
सुधाकरन ने एक टीवी चैनल से कहा, “केपीसीसी में नेतृत्व परिवर्तन के लिए बताए गए कारणों पर मेरी असहमति है। मैं इस पर अधिक बात नहीं करना चाहता क्योंकि इससे कुछ नेताओं को परेशानी होगी।’’
सुधाकरन ने कहा कि पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया है और उम्मीद है कि यह भविष्य में भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मुझे लगता है कि जब इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब मुझे संरक्षण नहीं मिला।’’
केरल प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष सुधाकरन ने कहा कि उन्हें पार्टी से न तो निराशा है और न ही कोई शिकायत। हालांकि, सुधाकरन ने कहा कि उन्हें लगता है कि राज्य में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्रतिनिधि पार्टी नेतृत्व को जमीनी स्थिति के बारे में उचित रिपोर्ट देने में विफल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि फेरबदल करने से पहले अनुभवी नेताओं और केपीसीसी के पूर्व अध्यक्षों के साथ विचार-विमर्श किया जा सकता था।
सुधाकरन ने कहा कि यह विचार ही गलत है कि एक नई टीम चुनाव अभियान का नेतृत्व कर सकती है। उन्होंने कहा कि चुनाव अभियान की कमान अनुभवी नेताओं के हाथों में होनी चाहिए।
सुधाकरन ने कहा कि केपीसीसी के नये अध्यक्ष सनी जोसेफ एक लोकप्रिय नेता हैं जो लोगों की नब्ज पहचानते हैं।
सुधाकरन ने कहा, ‘‘मैंने इस पद के लिए उनकी नियुक्ति का पूरा समर्थन किया है। एक राजनीतिक नेता के रूप में उनकी प्रगति में मेरी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।’’
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शफीक प्रशांत
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