भुज (गुजरात), 19 अप्रैल (भाषा) गुजरात के कच्छ जिले की एक अदालत ने पूर्व आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा को 2011 के एक मामले में पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी है।
यह मामला एक निजी कंपनी को सरकारी जमीन आवंटित करने में अनियमितताओं से जुड़ा है। इससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ था। उस समय शर्मा तत्कालीन जिलाधिकारी थे।
भुज में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जे. वी. बुद्ध की अदालत ने शर्मा, शहरी योजनाकार नटूभाई देसाई, तत्कालीन मामलतदार नरेंद्र प्रजापति और तत्कालीन रेजीडेंट डिप्टी कलेक्टर अजितसिंह जाला को पांच साल की सजा सुनायी और उन पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
यह मामला 2004 में सॉ पाइप्स प्राइवेट लिमिटेड को सरकारी भूमि के आवंटन में हुई अनियमितताओं से संबंधित है, जब शर्मा कच्छ के जिलाधिकारी थे।
अदालत ने कहा कि शर्मा की सजा 2004 के भ्रष्टाचार के एक मामले में इस वर्ष 20 जनवरी को अहमदाबाद की एक सत्र अदालत द्वारा दी गई पांच साल की सजा पूरी होने के बाद शुरू होगी।
शर्मा और तीन अन्य के खिलाफ 2011 में सीआईडी अपराध राजकोट जोन पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 120 बी और 217 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शर्मा को 4 मार्च, 2011 को गिरफ्तार किया गया था।
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अमित माधव
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