नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगभग एक साल से तिहाड़ जेल में बंद चल रहे दिल्ली सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन की तबियत बिगड़ जाने के बाद उन्हें राजधानी के सफदरजंग अस्पताल लाया गया है. इसस पहले शुक्रवार सतेंद्र जैन के वकील ने कोर्ट में कहा था कि उनकी तबियत ठीक नहीं है और जेल में उनका 35 किलो वजन कम हो गया है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने सतेंद्र जैन की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा है कि जेल में बंद आप नेता सत्येंद्र जैन की तबीयत बिगड़ने की शिकायत के बाद उन्हें सफदरजंग अस्पताल लाया गया. बाकी जानकारी की प्रतीक्षा है.
Delhi | Jailed AAP leader Satyendar Jain brought to Safdarjung Hospital after he complained of deterioration in health. Details awaited. pic.twitter.com/i6D7plxkIz
— ANI (@ANI) May 22, 2023
सतेंद्र जैन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में हाजिर हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में कहा था, “दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन का वजन 35 किलोग्राम घट गया है, वह कंकाल जैसे दिखाई देने लगे हैं. वह कई तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं.”
सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कोई तारीख नहीं दी लेकिन कहा कि जैन राहत पाने के लिए अवकाशकालीन पीठ के समक्ष अपना केस रख सकते हैं.
डिप्रेशन की भी शिकायत
एक सप्ताह पहले सतेंद्र जैन ने डिप्रेशन और अकेलेपन की शिकायत करते हुए जेल अधीक्षक से अनुरोध कर दो लोगों को अपनी जेल में ट्रांसफर करने के लिए कहा था.
यह घटना जैन द्वारा तिहाड़ जेल के अंदर से एक आवेदन पत्र लिखे जाने के बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने जेल प्रशासन से उन्हें दो और कैदियों के साथ सेल में रखने का अनुरोध किया था. तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने कहा, जैन ने डिप्रेशन और अकेलेपन का हवाला देते हुए 11 मई को तिहाड़ के जेल अधीक्षक से अनुरोध किया था कि जेल में उनके साथ दो और लोगों को रखा जाए.
जैन ने अपने आवेदन में कहा कि वह अकेलेपन के कारण उदास और दुखी महसूस कर रहे हैं. एक मनोचिकित्सक ने उन्हें ज्यादा लोगो के आस पास रहने का सुझाव दिया और उन्होंने कम से कम दो और व्यक्तियों के साथ रहने की सलाह दी. उन्होंने एक ही वार्ड के वार्ड नंबर पांच के दो लोगों के नाम भी बताए. अधिकारी ने कहा, जिसके बाद तुरंत उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया गया और दो व्यक्तियों को उनके कक्ष में ले जाया गया.
हालांकि, जेल प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस के साथ आप नेता के साथी कैदियों को वापस उनके सेल में भेज दिया.
जेल प्रशासन के अनुसार अधीक्षक ने बिना प्रशासन को सूचित किये यह निर्णय लिया जबकि प्रक्रिया के अनुसार बिना प्रशासन को सूचित किये और अनुमति लिये किसी भी कैदी को दूसरे सेल में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है.
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