नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने मंगलवार को तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सुप्रीमो और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को मेडिकल और मानवीय आधार पर 28 नवंबर तक चार हफ्ते के लिए अस्थायी ज़मानत दे दी.
मंगलवार शाम को जब उन्हें रिहा किया गया तो उनके समर्थकों ने जश्न मनाया. नायडू अपनी रिहाई के बाद राजमुंदरी जेल से बाहर आ गए हैं.
73-वर्षीय नायडू 371 करोड़ रुपये के कौशल विकास परियोजना घोटाले के सिलसिले में आंध्र प्रदेश अपराध जांच विभाग द्वारा उनकी गिरफ्तारी के एक दिन बाद 10 सितंबर से राजमुंदरी केंद्रीय जेल में न्यायिक हिरासत में थे, जो कथित तौर पर 2014-2019 तक उनके मुख्यमंत्री रहते हुए हुआ था.
नायडू द्वारा “निजी डॉक्टरों की देखरेख में ज़रूरी मेडिकल टेस्ट और इलाज की सुविधा के लिए” अंतरिम रिहाई की मांग करने के बाद ज़मानत दी गई.
अदालत ने नायडू की मेडिकल रिपोर्टों की जांच करने के बाद संकेत दिया कि उन्हें अपनी दाहिनी आंख में मोतियाबिंद सर्जरी की ज़रूरत है, उन्हें उसी अस्पताल, हैदराबाद में एलवी प्रसाद आई इंस्टीट्यूट में इलाज कराने की अनुमति दी, जहां जून में उनकी बाईं आंख की सर्जरी हुई थी.
मामले में नियमित ज़मानत याचिका पर अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी. इस खबर को सुनते ही टीडीपी नेता और कार्यकर्ता पूरे राज्य में खुशी से झूम उठे, उन्होंने नायडू की रिहाई का जश्न मनाते हुए पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटीं.
टीडीपी की राज्य इकाई के प्रमुख किंजरापु अत्चन्नायडू ने कथित तौर पर जमानत आदेश के बाद कहा, “जगन (सीएम वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी) का पतन उसी पल से शुरू हो जाएगा जब हमारे नेता चंद्रबाबू जेल से बाहर निकलेंगे. अब कोई भी ताकत नायडू-टीडीपी को नहीं रोक सकती. उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता को “सभी अवैध मामलों से मुक्त कर दिया जाएगा.”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य प्रमुख और नायडू की भाभी डी. पुरंदेश्वरी ने भी कथित तौर पर अंतरिम ज़मानत का स्वागत करते हुए, गिरफ्तारी के तरीके की निंदा की है.
ज़मानत का आदेश नायडू — जो हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी, मधुमेह मेलेटस और स्किन डिसऑर्डर सहित अन्य बीमारियों से भी पीड़ित हैं — के 52 दिन न्यायिक हिरासत में बिताने के बाद आया है. उनके परिवार ने शुरू से ही जेल में अपर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल, सेफ्टी और सुरक्षा का आरोप लगाते हुए उनकी भलाई पर चिंता व्यक्त की है.
नायडू के बेटे और टीडीपी महासचिव नारा लोकेश ने यहां तक आरोप लगाया था कि जगन के नेतृत्व वाली सरकार उनके पिता को जेल में स्टेरॉयड देने की कोशिश कर रही थी.
यह आरोप लगाते हुए कि विपक्षी नेता की जान को खतरा है, लोकेश ने इस महीने की शुरुआत में एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, “अगर नायडू को कोई नुकसान होता है तो सीएम जगन जिम्मेदार होंगे.”
लोकेश ने पोस्ट में कहा, “सीबीएन (चंद्रबाबू नायडू) की ज़िंदगी को खतरा है. उन्हें जानबूझ कर नुकसान पहुंचाया जा रहा है. उनकी सुरक्षा निस्संदेह ख़तरे में है. सीबीएन एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं, मच्छरों, दूषित पानी, वज़न घटाने, संक्रमण और एलर्जी से निपटने के लिए समय पर मेडिकल सहायता नहीं मिल रही है.”
जेल अधिकारियों और सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के नेताओं ने आरोपों से इनकार किया है.
(प्रसाद निचेनमेटला के इनपुट्स के साथ)
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