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Sunday, 17 November, 2024
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असम कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रिपुन बोरा तृणमूल कांग्रेस में शामिल

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कोलकाता/गुवाहाटी, 17 अप्रैल (भाषा) असम कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रिपुन बोरा ने पार्टी से अपने चार दशक पुराने रिश्ते तोड़ दिए और रविवार को यहां तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कई नेता पूर्वोत्तर राज्य में भाजपा के साथ सांठगांठ करके काम कर रहे हैं।

असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने रविवार को कहा कि पूर्व सांसद रिपुन बोरा का कांग्रेस से इस्तीफा स्वाभाविक है क्योंकि उनकी ही पार्टी के विधायकों ने पिछले महीने के राज्यसभा चुनाव में उन्हें हराने के लिए काम किया।

बोरा टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में कोलकाता में टीएससी में शामिल हुए।

तृणमूल कांग्रेस ने ट्विटर पर कहा, ‘‘ असम के पूर्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री और शिक्षा मंत्री, पूर्व राज्यसभा सांसद और असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष रिपुन बोरा का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। वह आज अभिषेक बनर्जी की उपस्थिति में हमारे साथ शामिल हुए।’’

असम में विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में बोरा ने हाल ही में राज्यसभा का चुनाव लड़ा था और असफल रहे थे। बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी में बोरा का स्वागत किया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘तृणमूल कांग्रेस परिवार में शामिल हुए दिग्गज और कुशल राजनेता रिपुन बोरा का बहुत गर्मजोशी से स्वागत करते हैं। हम आपको अपने साथ पाकर बेहद खुश हैं और अपने लोगों की भलाई के लिए एकसाथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।’’

असम में पिछले साल कांग्रेस से टीएमसी में आयी राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव भी इस मौके पर मौजूद रहे। बोरा ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा देते हुए आरोप लगाया कि उसके कई नेता राज्य में भारतीय जनता पार्टी खासतौर से मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के साथ मिलीभगत करके काम कर रहे हैं।

कांग्रेस से इस्तीफा देने के तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले बोरा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे इस्तीफे में कहा कि पार्टी में अंतर्कलह से भाजपा को मदद मिली और उन्हें 1976 में छात्र नेता के दिनों से उसका सदस्य होने के बावजूद पार्टी छोड़ने पर विवश होना पड़ा।

बोरा ने अपने त्याग पत्र में कहा, ‘‘मुझे आपको यह सूचित करते हुए बहुत दुख हो रहा है कि असम में यह खुला रहस्य है कि भाजपा के खिलाफ लड़ने के बजाय असम पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस समिति) के वरिष्ठ नेताओं का एक वर्ग भाजपा सरकार मुख्यत: मुख्यमंत्री के साथ गुप्त समझौता किये हुए है।’’

राज्य के पूर्व मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं ने इस तरह से भूमिका निभायी, जिससे भाजपा के लिए हाल में असम से दोनों राज्यसभा सीट पर जीत दर्ज करने का मार्ग प्रशस्त हो गया।

कांग्रेस ने बोरा को संसद के ऊपरी सदन के चुनाव के लिए फिर से उम्मीदवार बनाया था। असम में विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर वह राज्यसभा चुनाव हार गए थे।

बोरा ने दावा किया कि वह 2016 में एपीसीसी प्रमुख का पदभार संभालने के बाद कांग्रेस को ऐसी स्थिति में ला पाए, जहां लोगों ने उससे 2021 के विधानसभा चुनावों में सरकार बनाने की उम्मीद की। उन्होंने कहा कि असम पीसीसी के वरिष्ठ नेताओं के एक धड़े की अंदरुनी कलह के कारण लोगों का हमसे भरोसा उठ गया और उन्होंने हमें जनादेश नहीं दिया।

पूर्व कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि भाजपा से लड़ाई के लिए एकजुट होने के बजाय विभिन्न स्तरों पर कांग्रेस नेता अपने निहित स्वार्थों के लिए एक-दूसरे से लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा हमारे देश के लोकतंत्र, संविधान, धर्मनिरपेक्षता तथा अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है।

बोरा ने कहा कि इससे भाजपा को एक के बाद एक गली-नुक्कड़ में आगे बढ़ने, देश के लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराने का पर्याप्त मौका मिला है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में मेरी अंतरात्मा मुझे कांग्रेस पार्टी में बने रहने नहीं देती, जहां कुछ नेताओं के निहित स्वार्थों के लिए भाजपा के पक्ष में पार्टी के हित और विचारधारा से समझौता किया जा रहा है।

असम के मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि पूर्व सांसद रिपुन बोरा का कांग्रेस से इस्तीफा स्वाभाविक है, क्योंकि उनकी ही पार्टी के विधायकों ने पिछले महीने के राज्यसभा चुनाव में उन्हें हराने के लिए काम किया। जब पत्रकारों ने बोरा के कांग्रेस छोड़ने पर सरमा की प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने कहा कि उनके पास कहने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है और उनका इस्तीफा कोई बड़ी बात नहीं है, बल्किन यह स्वाभाविक है।

सरमा परोक्ष रूप से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा द्वारा संबोधित संवाददाता सम्मेलन का जिक्र कर रहे थे, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने राज्यसभा चुनाव के लिए ‘‘अपने पांच विधायकों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बेच दिया।’’

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बोरा की हार की दिशा में कांग्रेस विधायकों ने काम किया, यह एक सच है।

भाषा

गोला संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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