बेंगलुरु, एक जुलाई (भाषा) कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खांड्रे ने पिछले साढ़े पांच वर्षों में राज्य भर में बाघों की मौत पर 10 दिनों के भीतर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए मंगलवार को अधिकारियों को निर्देश दिए।
मीडिया पर आई खबरों में दावा किया गया है कि कर्नाटक में पिछले साढ़े पांच वर्षों के दौरान 82 बाघों की मौत हुई है और इस दावे पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए मंत्री ने यह निर्देश जारी किए हैं।
खांड्रे ने अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) को प्रत्येक मौत की जांच करने का निर्देश दिया है। इस जांच से यह स्पष्ट किया जाएगा कि कितनी मौतें प्राकृतिक कारणों से हुई जबकि कितने बाघों की मौत अप्राकृतिक परिस्थितियों के कारण हुईं। जांच में मौत के कारणों की असल स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
मंत्री ने यह भी जानना चाहा है कि बाघों की अप्राकृतिक मृत्यु के मामलों में क्या कोई जांच की गई और इस संबंध में क्या कोई रिपोर्ट प्राप्त हुई।
मंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘खांड्रे ने अधिकारियों से यह भी रिपोर्ट देने को कहा है कि क्या इनमें से किसी बाघ की मौत के बाद उसके शरीर के पंजे या अन्य अंगों को विकृत किया गया था और क्या लापरवाही के मामले में कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई थी?’’
उन्होंने बाघों की हत्या और शिकार के मामलों में अब तक गिरफ्तार और दोषी ठहराए गए लोगों की संख्या के बारे में भी जानकारी मांगी।
इसके अलावा, मंत्री ने बाघों की हत्या से संबंधित चल रही जांच और देरी के कारणों का विवरण भी मांगा।
पिछले महीने चामराजनगर जिले के काउडल्ली रेंज के रामपुरा-मारतल्ली सीमा पर एक तेंदुए के कथित शिकार की रिपोर्ट के बाद, मंत्री ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
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