नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) विदेश मंत्रालय ने हाल ही में मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा की मौजूदगी में म्यांमा के दो विद्रोही समूहों के विलय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की खबरें सामने आने के बाद शुक्रवार को कहा कि विदेश नीति के मुद्दे राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं।
खबरों के अनुसार, जुंटा विरोधी समूह चिनलैंड काउंसिल (सीसी) और अंतरिम चिन नेशनल कंस्लवेटिव काउंसिल (आईसीएनसीसी) ने आइजोल में विलय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने इस मामले पर कुछ खबरें देखी हैं। म्यांमा की स्थिति पर हमारा रुख सर्वविदित है।”
उन्होंने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “मैं यह भी दोहराना चाहूंगा कि विदेश नीति के मुद्दे राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं।”
भारत के साथ देश की सीमा के करीब के इलाकों में म्यांमा की सेना और विद्रोही बलों के बीच लड़ाई से उत्पन्न होने वाले सुरक्षा समस्याओं को लेकर नयी दिल्ली की चिंताएं बढ़ रही हैं।
भारत म्यांमा में लोकतंत्र की बहाली के लिए दबाव बना रहा है।
भाषा जितेंद्र माधव
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