scorecardresearch
Monday, 14 April, 2025
होमदेशविदेशी फंड लेने वाली संस्थाओं को 4 साल के अंदर उसे खर्च करना पड़ेगा—FCRA पर गृह मंत्रालय

विदेशी फंड लेने वाली संस्थाओं को 4 साल के अंदर उसे खर्च करना पड़ेगा—FCRA पर गृह मंत्रालय

एफसीआरए, 2010 के उल्लंघन के दायरे का विस्तार करते हुए केंद्र ने कहा है कि विदेशी धन प्राप्त करने की वैधता अवधि पूर्व अनुमति के लिए आवेदन की मंजूरी की तारीख से 3 वर्ष होगी.

Text Size:

नई दिल्ली: फॉरेन कंट्रीब्यूशन (रेगुलेशन) एक्ट 2010 के उल्लंघन के दायरे का विस्तार करते हुए, केंद्र ने सोमवार को घोषणा की कि विदेशी धन प्राप्त करने वाली सभी संस्थाओं को अब धन प्राप्त करने के चार साल के भीतर इसका उपयोग करना होगा.

गृह मंत्रालय की नोटिफिकेशन में कहा गया है कि विदेश से फंड लेने की पूर्व अनुमति मिलने के बाद यह इजाज़त 3 साल तक वैध रहेगी, और यह अवधि मंज़ूरी की तारीख से गिनी जाएगी.

इसमें कहा गया है कि FCRA के तहत रजिस्टर्ड कोई भी व्यक्ति तभी विदेशी फंड ले सकता है, जब वह आवेदन करके पहले से इजाज़त ले ले.

अधिसूचना में कहा गया है, “उक्त विदेश से फंड का उपयोग करने की वैधता अवधि पूर्व अनुमति के लिए आवेदन की स्वीकृति की तारीख से चार साल होगी.”

अधिसूचना में कहा गया है कि जिन आवेदनों को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, उनके संबंध में यह समय सीमा “पूर्व अनुमति के लिए आवेदन की स्वीकृति की तारीख के बजाय इस आदेश के जारी होने की तारीख से मानी जाएगी.”

अधिसूचना में कहा गया है, “उपर्युक्त समय सीमा से परे विदेश से फंड की कोई भी प्राप्ति या उपयोग एफसीआरए, 2010 का उल्लंघन माना जाएगा और किसी भी उल्लंघन के मामले में आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.”

पिछली नीति में, संपूर्ण निधि का उपयोग होने तक व्यय की खिड़की खुली और वैध रहती थी.

हालांकि, अधिसूचना के अनुसार, गृह मंत्रालय में सक्षम प्राधिकारी “मामले के गुण-दोष के आधार पर, केस-दर-केस आधार पर किसी संघ या संगठन के लिए वैधता अवधि में विस्तार की अनुमति दे सकता है.” इसमें यह उल्लेख नहीं किया गया है कि इन शर्तों को माफ करने के लिए किन मानदंडों पर विचार किया जाएगा.

एफसीआरए, 2010 के तहत, एक निश्चित सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षिक, धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम वाला प्रत्येक व्यक्ति—यदि वह धारा 11(1) के तहत केंद्र सरकार के साथ पंजीकृत नहीं है—निर्धारित प्रारूप में आवेदन करके गृह मंत्रालय की पूर्व अनुमति प्राप्त करने के बाद ही कोई विदेशी अंशदान स्वीकार कर सकता है. ऐसी पूर्व अनुमति सिर्फ उन्हीं कामों या प्रोजेक्ट्स के लिए मान्य होगी, जिनके लिए इजाज़त ली गई है और सिर्फ उसी विदेशी स्रोत से फंड लिया जा सकता है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: भारत के ग्रामीण परिदृश्य को कैसे बदल रही हैं ‘नमो ड्रोन दीदी’


share & View comments