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विदेशी चंदा मामला: सीबीआई ने दुर्गेश पाठक, कपिल भारद्वाज के खिलाफ मामला दर्ज कर छापेमारी की

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नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम मानदंडों का उल्लंघन कर आम आदमी पार्टी (आप) के लिए कथित तौर पर विदेशी चंदा प्राप्त करने के आरोप में बृहस्पतिवार को पार्टी के पूर्व विधायक और गुजरात चुनाव के लिए सह-प्रभारी दुर्गेश पाठक के परिसरों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

एजेंसी ने पाठक के अलावा पार्टी के एक अन्य पदाधिकारी कपिल भारद्वाज (अब दिवंगत) के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।

गृह मंत्रालय की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि आम आदमी पार्टी ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम 2010 के प्रावधानों का उल्लंघन कर विदेशी चंदा प्राप्त किया है।

सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि एफसीआरए अधिनियम 2010 की धारा तीन और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29बी के तहत किसी राजनीतिक दल द्वारा विदेशियों से चंदा लेना प्रतिबंधित है।

सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान पार्टी (आप) के शीर्ष नेताओं से जांच में शामिल होने और रिकॉर्ड में कथित विसंगतियों के बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा जा सकता है।

‘आप’ के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने सीबीआई की कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे ‘राजनीति से प्रेरित कदम’ बताया और कहा कि यह कार्रवाई गुजरात में उनकी बढ़ती राजनीतिक गतिविधियों के कारण उन्हें ‘डराने’ का एक प्रयास है।

पाठक ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “सीबीआई के पांच-छह अधिकारियों की एक टीम मेरे घर आई और मेरे दो कमरों वाले परिसर के हर कोने की करीब तीन से चार घंटे तक तलाशी ली। उन्होंने मुझे यह नहीं बताया कि वे क्यों आए हैं या किस मामले के लिए आए हैं। उन्होंने मुझे एक तलाशी वारंट दिखाया और मैंने उनका स्वागत किया। उन्होंने हर जगह तलाशी ली, लेकिन कुछ नहीं मिला।”

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि वे (सीबीआई अधिकारी) मुझे डराने आए थे क्योंकि मैंने गुजरात में ‘आप’ के लिए काम करना शुरू कर दिया है। वे इसलिए आए ताकि गुजरात में कोई भी हमारे साथ न जुड़ सके। उन्होंने संजय सिंह को तब गिरफ्तार किया था जब ‘आप’ गुजरात में पांच विधायकों के निर्वाचित होने के बाद राज्य में एक अच्छा विकल्प बनकर उभरी।”

प्राथमिकी के मुताबिक, ‘आप’ ने भारत में पार्टी के लिए विदेशी धन जुटाने के लिए अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि में स्वयंसेवकों के साथ ‘आप ओवरसीज इंडिया’ नाम की एक संस्था बनाई थी।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि 2016 में कनाडा में ‘एमपी’ द्वारा आयोजित फंड जुटाने के एक कार्यक्रम के दौरान, अनिकेत सक्सेना (एमपी ओवरसीज इंडिया के समन्वयक) और एमपी ओवरसीज इंडिया के तत्कालीन संयोजक कुमार विश्वास के बीच ई-मेल पर बातचीत हुई थी।

प्राथमिकी के मुताबिक, इस बातचीत से पता चला कि दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज ने अनिकेत से 29,000 अमेरिकी डॉलर का दान भगवंत तूर के माध्यम से सीधे दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज को करने के लिए कहा था।

गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के आधार पर मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

ईडी ने पाया था कि पार्टी ने 55 पासपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए 404 मौकों पर विदेश में रहने वाले 155 लोगों से 1.08 करोड़ रुपये का दान प्राप्त किया था।

ईडी ने आरोप लगाया कि कई दानदाताओं ने दान के लिए एक ही पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था।

सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि ‘आप’ को 19 कनाडाई नागरिकों से 51.15 लाख रुपये का विदेशी दान मिला था हालांकि पार्टी ने रिकॉर्ड में उनकी राष्ट्रीयता छिपाई।

प्राथमिकी के मुताबिक, एक कनाडाई नागरिक करनैल सिंह सिद्धू ने 2016 में ‘आप’ के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पार्टी को सीधे 20,000 रुपये का दान दिया था।

एजेंसी ने आरोप लगाया कि विदेश में रहने वाले 71 दानदाताओं ने पार्टी को 256 मौकों पर 99.90 लाख रुपये का दान देने के लिए 21 मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया जबकि 75 दानदाताओं ने 148 मौकों पर 19.92 लाख रुपये का दान देने के लिए 15 क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया है।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया, “आप’ ने दावा किया कि विदेश में रहने वाले 201 लोगों ने 639 मौकों पर 51 ईमेल आईडी का इस्तेमाल करके 2.65 करोड़ रुपये का दान दिया है।”

एजेंसी ने आरोप लगाया कि असली दानदाताओं की पहचान और राष्ट्रीयता छिपाने के इरादे से ‘आप’ ने जानबूझकर अनियमितताएं कीं।

सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि पाठक फंड जुटाने के लिए 22 नवंबर 2015 को कनाडा में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

‘आप’ के एक स्वयंसेवक ने विदेश में पार्टी को ई-मेल के माध्यम से कनाडाई दानदाताओं के वास्तविक नामों वाली एक हस्तलिखित अनौपचारिक ‘डेटा शीट’ भी भेजी थी। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि ‘आप’ ने जानबूझकर अपने आधिकारिक रिकॉर्ड में उनके नाम छिपाए और अपने रिकॉर्ड में हेराफेरी की।

‘आप’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आप’ को खत्म करने की भाजपा की कोशिशें एक बार फिर शुरू हो गई हैं। उन्होंने हमारे नेता को जेल में डाल दिया, हमारे शीर्ष नेतृत्व को गिरफ्तार कर लिया और अब हमारे पीएसी (संसदीय कार्य समिति) सदस्य और गुजरात के सह-प्रभारी दुर्गेश पाठक के घर पर सीबीआई ने छापा मारा है। इसका एकमात्र कारण यह है कि गुजरात में ‘आप’ की पकड़ मजबूत हो रही है।”

सिंह ने दावा किया कि जैसे ही पाठक ने पार्टी का आधार मजबूत करने के लिए गुजरात में बैठकें शुरू कीं, भाजपा ने उनके पीछे केंद्रीय एजेंसी लगा दी।

आप’ के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “गुजरात चुनाव 2027 की जिम्मेदारी मिलते ही दुर्गेश पाठक के घर पर सीबीआई की छापेमारी। यह कोई इत्तेफाक नहीं, यह भाजपा की, डर की वजह से रची गई साजिश है।”

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने भी छापेमारी की निंदा की।

उन्होंने कहा, “आम आदमी पार्टी ने जैसे ही गुजरात चुनाव की तैयारी शुरू की, गुजरात के सह-प्रभारी दुर्गेश पाठक के घर सीबीआई छापेमारी करने पहुंच गई! यह छापेमारी इनकी बौखलाहट दिखा रही है! ”

वर्ष 2022 में राजेंद्र नगर विधानसभा सीट से जीत हासिल करने वाले पाठक को 2025 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी उमंग बजाज से हार का सामना करना पड़ा था।

पाठक, 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान गोवा के प्रभारी भी थे।

‘आप’ ने 2022 के गुजरात विधानसभा चुनावों में पांच सीट और 14 प्रतिशत वोट हासिल किये थे और तब से वह राज्य में अपना विस्तार करने की कोशिश कर रही है।

भाषा जितेंद्र माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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