नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) पहली बार भारतीय सेना के दो अग्निवीरों को उनके वीरतापूर्ण कार्यों के लिए प्रतिष्ठित सेना पदक के लिए चुना गया है। अधिकारियों ने 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर यह जानकारी दी।
‘सेवन सिख लाइट इन्फैंट्री’ के अग्निवीर कुलवीर सिंह और 851 लाइट रेजिमेंट के अग्निवीर मूंद मुरलीनायक को सेना पदक (वीरता) के लिए चुना गया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों के लिए 127 वीरता पुरस्कार और 40 विशिष्ट सेवा पुरस्कारों को मंजूरी दी है।
इनमें चार कीर्ति चक्र, 15 वीर चक्र, 16 शौर्य चक्र, दो बार टू सेना पदक (वीरता), 58 सेना पदक (वीरता), छह नौसेना पदक (वीरता) और 26 वायु सेना पदक (वीरता) शामिल हैं।
पुरस्कारों में सात सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक, नौ उत्तम युद्ध सेवा पदक और 24 युद्ध सेवा पदक भी शामिल हैं।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सैन्य सम्मानों की वार्षिक सूची में सेना के दो अग्निवीरों का भी उल्लेख है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह ‘‘पहली बार’’ है, जब किसी अग्निवीर को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
चौदह जून, 2022 को घोषित अग्निपथ योजना के तहत 17.5 से 21 वर्ष तक के युवाओं को केवल चार वर्षों के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें 25 प्रतिशत युवाओं को अगले 15 वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है। सरकार ने उसी वर्ष बाद में ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी।
इस योजना के तहत भर्ती होने वालों को अग्निवीर कहा जाता है।
राष्ट्रपति ने 290 ‘मेंशन-इन-डिस्पैच’ को भी मंजूरी दी है, जिनमें से 115 भारतीय सेना से, पांच भारतीय नौसेना से और 167 भारतीय वायु सेना से हैं।
सेना के दो अग्निवीरों – 57 माउंटेन डिवीजन प्रोवोस्ट यूनिट के अग्निवीर युवराज सिंह और 99 मीडियम रेजिमेंट के अग्निवीर गुरजंत सिंह के नाम ‘मेंशन-इन-डिस्पैच’ की सूची में हैं।
इसके अलावा, रक्षा मंत्रालय के अनुसार, बख्तरबंद कोर, तोपखाने की रेजिमेंट और सेना की अन्य इकाइयों से चुने गए कई कर्मियों को 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले मानद कैप्टन के पद पर मानद कमीशन प्राप्त करने के लिए चुना गया है।
भाषा
राजकुमार पारुल
पारुल
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