scorecardresearch
Sunday, 24 November, 2024
होमदेशदिल्ली NCR में कोहरे का कहर, वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में

दिल्ली NCR में कोहरे का कहर, वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में

दिल्ली में सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 407 दर्ज किया गया. राष्ट्रीय राजधानी के 39 वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्रों में से 33 में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई.

Text Size:

नई दिल्ली: दिल्ली- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बृहस्पतिवार को प्रदूषण युक्त कोहरे की परत छाने से छठ पूजा के दौरान श्रद्धालुओं को सूर्य के दर्शन आंशिक रूप से ही हो पाए. शहर में मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण एक बार फिर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई.

विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएसई) ने कहा कि कोहरा एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति है. सीएसई की कार्यकारी निदेशक (अनुसंधान) अनुमिता रॉयचौधरी ने कहा, ‘इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए उन मोर्चों पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है, जिससे प्रदूषण अधिक फैलता है जैसे वाहनों से, कुछ उद्योगों से, अपशिष्ट जलाने से….. वहीं, भवन निर्माण, सड़क जैसे धूल फैलाने वाले स्रोतों पर तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है.’

दिल्ली में सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 407 दर्ज किया गया. राष्ट्रीय राजधानी के 39 वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्रों में से 33 में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई. बुधवार को 24 घंटे का औसतन एक्यूआई 372 था.

एक्यूआई सुबह 10 बजे गाजियाबाद में 454, ग्रेटर नोएडा में 404 और नोएडा में 426 था.

एक्यूआई को शून्य और 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह के समय हल्के कोहरे के साथ ही तापमान में गिरावट दर्ज की गई. दिल्ली में बृहस्पतिवार सुबह न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम का अभी तक का सबसे कम तापमान है.

उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और सफदरजंग हवाई अड्डे पर दृश्यता में 600 से 800 मीटर तक गिरावट दर्ज की गई.

सीएसई ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में मौजूदा कोहरे का कहर अगले दो-तीन तक जारी रह सकता है.


यह भी पढ़े: अक्टूबर में चैन की सांस नवंबर में हुई ज़हरीली – जानिए पांच साल में कैसे टूटा पराली जलाने का रिकॉर्ड


 

share & View comments