पटना\ गुवाहाटी\ पंजाब: असम, बिहार और पंजाब इन दिनों बाढ़ की चपेट में है. सूखे और बीमारी की मार झेल रहे बिहार के 12 जिले बाढ़ से बेहाल हैं जिससे करीब 77 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. जबकि 104 लोगों की मौत को गई है. बाढ़ से मरने वालों की संख्यां में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. वहीं आसाम में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 67 हो गई है. बाढ़ का असर जानवरों पर भी पड़ा है और वन विभाग के अनुसार अभी तक 187 जानवरों के मारे जाने की खबर है.
पंजाब में सीएम अमरिंटर सिंह ने किया हवाई दौरा
देश के कई हिस्सों में इन दिनों बारिश ने तबाही मचाई हुई है. तेज बारिश के कारण कई राज्यों और शहरों में बाढ़ जैसे हालात हैं. वहीं पंजाब को भी बारिश के कारण काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. बारिश पंजाब में एकड़ से अधिक की फ़सल को नुकसान पहुंचा चुकी है. सबसे ज्यादा नुकसान बठिंडा में हुआ है. बठिंडा पर 28,000 एकड़ से अधिक की फ़सल को नुकसान पहुंचा है. वहीं संगरूर में 21,775 एकड़ से अधिक की फसल को नुकसान पहुंचा है. इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को पंजाब के पटियाला और संगरूर के इलाकों का हवाई सर्वे किया.
Punjab: Chief Minister Captain Amarinder Singh conducts aerial survey of flood affected areas in Patiala and Sangrur, to assess the damage to crops and other assets due to flooding caused by a breach in Ghaggar river catchment area, following torrential rains. pic.twitter.com/MEq819s8A9
— ANI (@ANI) July 23, 2019
बिहार में 12 से अधिक नदियां खतरे के निशान से ऊपर
बिहार के हालात जलग्रहण क्षेत्रों और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई बारिश के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति और बिगड़ गई है. बिहार में कई प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. सरकार बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कार्य चलाने का दावा कर रही है. जल संसाधान विभाग के प्रवक्ता अरविंद कुमार ने मंगलवार को बताया कि कोसी के जलस्तर में वीरपुर बैराज के पास कमी आई है, लेकिन बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, अधवारा समूह की नदियां, खिरोई तथा महानंदा कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
जिन स्थानों पर बांध टूटने की खबर आई थी, उनको दुरुस्त करने का काम चल रहा है. मधुबनी में झंझारपुर के पास कमला बलान नदी के दाएं तटबंध को दुरुस्त किया जा रहा है, जबकि कटिहार के काशीबाड़ी में भी बांध मरम्मत का कार्य जारी है.
इस बीच, बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य जारी है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि अब तक 4.91 लाख बाढ़ पीड़ित परिवारों के बैंक खाते में छह-छह हजार रुपये भेजे जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि अब तक 295 करोड़ रुपये बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच बांटे गए हैं. उन्होंने कहा कि यह राशि फसल सहायता और भवन सहायता के अतिरिक्त दी जा रही है. वहीं बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं आई है. हमारा घर पूरी तरह से डूब गया है. खाने के लिए खाना नहीं है और न ही पानी है.
#Bihar: Houses in Naruar village in Madhubani destroyed due to flood water. #BiharFloods pic.twitter.com/u6DCqpry6j
— ANI (@ANI) July 23, 2019
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया, ‘बिहार के 12 जिले- शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार में अब तक बाढ़ से 104 लोगों की मौत हुई है, जबकि 77 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.”
बाढ़ प्रभावित इन 12 जिलों में कुल 81 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जहां 76 हजार से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों के भोजन की व्यवस्था के लिए 712 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है. विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में बाढ़ का पानी उतरा भी है.
असम में बाढ़ से 67 लोगों, 187 जानवरों की मौत
असम में बाढ़ से मरने वाले लोगों की संख्या सोमवार को 67 हो गई, जबकि वन विभाग के अधिकारियों ने 187 जानवरों के मारे जाने की बात कही है. इसमें 15 एक सींग वाले गैंडे, एक हाथी और 100 से अधिक हिरण शामिल हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सोमवार को कहा कि बीते 24 घंटों में दो और लोगों के मरने के साथ मरने वालों की संख्या 67 हो गई है. उन्होंने कहा कि राज्य में धीरे-धीरे हालात सुधर रहे हैं.
बाढ़ से सोमवार तक 33,55,837 लोग अभी भी प्रभावित हैं. बाढ़ से धेमाजी, बिस्वनाथ, दरांग, बरपेटा, नालबाड़ी, चिरांग, बोंगइगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सलमारा, कामरूप (मेट्रो), कामरूप, मोरीगांव, नागौन, जोरहाट, गोलाहाट व कचर जिले के 2000 से ज्यादा गांवों पर असर पड़ा है.
Assam State Disaster Management Authority: As on today, water levels in all districts are receding. A total of 2,283 number of villages in 59 revenue circles of 18 districts are having flood waters, affecting a population of 30, 55, 837. pic.twitter.com/zMDN6kezaL
— ANI (@ANI) July 23, 2019
वर्तमान में बाढ़ से काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क का लगभग 90 फीसदी भाग डूबा हुआ है. इससे जंगली जानवरों को बाहर निकलकर ऊंचाई वाले स्थानों को जाने को मजबूर होना पड़ा है. बाढ़ के पानी से बीते एक हफ्ते से शिकार विरोधी कैंप भी डूबे हुए हैं. पार्क के अधिकारियों ने कहा कि बाढ़ की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार दिख रहा है क्योंकि जल स्तर में कमी होती दिख रही है. एक अधिकारी ने कहा, ‘जलस्तर में गिरावट दिख रही है. हमने जलस्तर में सोमवार सुबह तक 162 सेमी की गिरावट दर्ज की है.’
अधिकारी ने कहा कि गांव के लोगों के साथ वन विभाग के कर्मचारी परेशान जानवरों को बचाने के काम में जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि 16 जानवर राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर तेज रफ्तार वाहनों द्वारा मारे गए, जबकि 15 गैंडों व एक हाथी की मौत डूबने से हुई.