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Saturday, 4 October, 2025
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‘एचपीजेड’ क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी मामले में पांच लोग गिरफ्तार

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नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने ‘एचपीजेड’ क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

‘एचपीजेड’ क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी मामले में साइबर अपराधियों ने ऋण, नौकरी और क्रिप्टो करेंसी योजनाओं में निवेश से भारी मुनाफे का झांसा देकर पीड़ितों से करोड़ों रुपये ठगे थे।

अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरु सहित पांच शहरों में सात ठिकानों पर तलाशी ली और इस दौरान कई आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य एवं वित्तीय रिकॉर्ड बरामद किए।

सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि जांच एजेंसी ने आपराधिक साजिश, प्रतिरूपण, धोखाधड़ी और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

प्रवक्ता के मुताबिक, यह मामला विदेश में बैठे साजिशकर्ताओं के भारतीय नागरिकों के साथ मिलकर एक बड़ी आपराधिक साजिश रचने से जुड़ा हुआ है, जिसमें 2021 से 2023 के बीच पूरे भारत में ऋण, नौकरी और क्रिप्टो करेंसी योजनाओं में निवेश से भारी मुनाफे का झांसा देकर सुनियोजित तरीके से साइबर धोखाधड़ी की गई।

उन्होंने कहा, “यह धोखाधड़ी कई फर्जी कंपनियां बनाकर की गई, जिनका इस्तेमाल ‘म्यूल’ बैंक खाते खोलने के लिए किया गया। पीड़ितों से प्राप्त धन को इन खातों के माध्यम से निकाला गया, क्रिप्टो करेंसी में परिवर्तित किया गया और फिर जटिल मार्गों से भारत के बाहर अंतरित कर दिया गया।”

‘म्यूल’ बैंक खाता वह वैध बैंक खाता होता है, जिसका इस्तेमाल अपराधी अवैध रूप से धन एकत्र करने या धन शोधन के लिए करते हैं। ऐसे खातों का इस्तेमाल अक्सर खाताधारक की जानकारी या अनुमति के बिना किया जाता है।

प्रवक्ता के अनुसार, सीबीआई की जांच में कई फर्जी कंपनियों के बारे में पता चला है, जिन्हें विदेशी अपराधियों के इशारे पर भारत में स्थापित किया गया था।

उन्होंने कहा, “लोगों से धनराशि इकट्ठा करने के लिए इन कंपनियों को विभिन्न फिनटेक और भुगतान मंचों से जोड़ा गया था। अपराध की आय को छिपाने के लिए एकत्रित धनराशि को क्रिप्टो करेंसी में परिवर्तित किया गया, विभिन्न क्रिप्टो वॉलेट में अंतरित किया गया और फिर विदेश भेज दिया गया।”

प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी इस धोखाधड़ी को अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल थे।

अधिकारियों ने कहा कि सीमा पार हुए वित्तीय लेन-देन का पता लगाने, इसमें शामिल अन्य व्यक्तियों एवं संस्थाओं की पहचान करने और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए मामले की गहन जांच की जा रही है।

भाषा सुमित पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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