पुणे, चार फरवरी (भाषा) पुणे में पांच और लोगों के ‘गुलियन बैरे सिंड्रोम’ (जीबीएस) से संक्रमित होने का पता चलने के बाद महाराष्ट्र में इस दुर्लभ तंत्रिका विकार से संक्रमण के संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर 163 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने सोमवार को बताया कि राज्य में इस बीमारी से अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘पांच मामले सामने आए हैं, हालांकि सोमवार को किसी की मौत नहीं हुई और 127 लोगों में जीबीएस की पुष्टि हुई है। संदिग्ध मामले 163 हैं, जिनमें पुणे शहर में 32, पुणे नगर निगम क्षेत्र में जोड़े गए नए गांवों से 86, पिंपरी चिंचवड में 18, पुणे ग्रामीण में 19 और अन्य जिलों में आठ मामले शामिल हैं।’’
अधिकारी ने बताया कि 163 मरीजों में से अब तक 47 को छुट्टी दे दी गई है, 47 मरीज गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में हैं और 21 वेंटिलेटर पर हैं।
उन्होंने बताया कि पुणे शहर के विभिन्न स्थानों से पानी के कुल 168 नमूने रासायनिक और जैविक विश्लेषण के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला भेजे गए थे। उन्होंने बताया कि आठ जल स्रोतों के नमूने दूषित पाए गए।
जीबीएस एक दुर्लभ विकार है, जिसमें शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं और मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है। इसके साथ ही इस बीमारी में हाथ-पैरों में गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण भी होते हैं। माना जाता है कि दूषित भोजन और पानी में पाया जाने वाला ‘बैक्टीरिया कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी’ इस प्रकोप का कारण है।
भाषा यासिर सिम्मी
सिम्मी
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